Ek Shayar Ki Mohabbat Banna Hai Mujhe by Goonj Chand

Ek Shayar Ki Mohabbat Banna Hai Mujhe by Goonj Chand


Ek Shayar Ki Mohabbat Banna Hai Mujhe by Goonj Chand

 

जो अक्सर डायरी में छुपा देते है दर्द अपना,

उनका दर्द बयां करना है मुझे…

और जी हाँ, आज लिखने वालो के लिए लिखना है मुझे…

 

जो अक्सर सबको हर रिश्ते की सच्चाई से रू--रू करवाता है…

एक दर्द उसका ऐसा भी होता है जो वो सबसे छुपाता है…

उसके उसी दर्द का मरहम बनना है मुझे…

और जी हाँ, आज लिखने वालो के लिए लिखना है मुझे…

 

उसे भी अपनी जिंदगी से बहुत सी शिकायते होती है…

पर उसके आंसुओ से पहले उसके चेहरे पे मुस्कुराहटें होती है…

और उसके कागज पे चलने वाली कलम बनना है मुझे…

और जी हाँ, आज लिखने वालो के लिए लिखना है मुझे…

 

लिखने वालो को सुनना तो सब चाहते है पर उनका होना नहीं चाहते…

और उनकी ख़ुशी की वजह चाहते है पर उनके गम में रोना नहीं चाहते…

इसलिए किसी शायर की मोहब्बत बनना है मुझे…

और जी हाँ, आज लिखने वालो के लिए लिखना है मुझे…

 

जो अक्सर डायरी में छुपा देते है दर्द अपना,

उनका दर्द बयां करना है मुझे…

और जी हाँ, आज लिखने वालो के लिए लिखना है मुझे…

 



Comments