Ek Tera Number Hai Jispar Call Nahi Kar Skte by Kanha Kamboj

Ek Tera Number Hai Jispar Call Nahi Kar Skte by Kanha Kamboj


Ek Tera Number Hai Jispar Call Nahi Kar Skte by Kanha Kamboj

 

ज़िन्दगी अब और पामाल नहीं कर सकते…

तेरे जाने का अब और मलाल नहीं कर सकते….

तेरी अब कोई निशानी नहीं मेरे घर,

तेरे घर की मगर पड़ताल नहीं कर सकते…

जो जादू किया है उसकी आवाज ने,

यार कोई सुर ताल नहीं कर सकते…

मुझपे घर की भी जिम्मेदारियां है,

हम तो मजनू जैसा भी हाल नहीं कर सकते…

दुःख तो बहुत है तेरे आशिकों के मगर,

मसला ये भी है की हड़ताल नहीं कर सकते…

एक तेरा ही नंबर है मेरी कॉल लिस्ट में,

एक तेरा ही नंबर है जिसपे हम कॉल नहीं कर सकते…

वो वफ़ा पर शेर कहता है उसे शर्म नहीं,

लोग भी वाह वाह करते है सवाल नहीं कर सकते…

 

गर एकतरफा ही हम तुमपर मरते रहेंगे

तो जान ऐसा हम कब तक करते रहेंगे

दोस्त बनकर रहते है ना दोस्त,

आशिकी में तो हम तुम मरते रहेंगे

लोगो की बातों से परेशान ना होना,

तेरे मेरे किस्से यार बनते रहेंगे…

तू किसी और के कांधे पर, मैं किसी और की बाहों में,

यही होगा यार अगर हम यूँही लड़ते रहेंगे…

बेशक रहेंगे तेरे क़दमों में हम,

ज़माने के तो हम सर पर चढ़ते रहेंगे

कहीं आँख ही ना बह जाये आसुओं में,

बेहतर पागल ही कर दो, मुसलसल हँसते रहेंगे

क्यों सुने किस्से मोहब्बत के फिर,

जब हर कहानी में आशिक ही मरते रहेंगे

आपको बस ही से है मोहब्बत,

आप ये कहने में कब तक डरते रहेंगे

 



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