Gawah Mere Mohalle se Bhi Bulaya Jaye to Accha Rahega by Kanha Kamboj
सब कुछ बताया जाए तो अच्छा रहेगा…
अब कुछ न छुपाया जाए तो अच्छा रहेगा…
और अदालत सजी है तेरे मोह्हल्ले में तो कोई गिला नहीं,
गवाह मेरे मोहल्ले से भी बुलाये जाए तो अच्छा रहेगा…
और मुझमे तोहमते लगी है तेरे मोहल्ले से गुजरने की
रास्ता बाजार जाने का तेरा भी बताया जाए तो अच्छा रहेगा…
और उसके दिल से ही नहीं तील से भी बहुत कत्लेआम हुए हैं,
रक़ीब को दिल से पहले टिल से वाकिफ करा दिया जाये तो अच्छा रहेगा…
वो अपने बदन पे अँगुलियों निशां दिखा कार्यवाही की उम्मीद कर रही है,
दाग गर्दन के मेरे भी दिखाए जाये तो अच्छा रहेगा…
और साहब वो मेरे घर से निकल किसी और के घर भी जाती देखी है,
निशां उंगलियों के रकीब के भी मिलाये जाए तो अच्छा रहेगा…
और वो सुना ग़ालिब के शेर रिझा रहा है मेरे महबूब को,
ग़ज़लें उसे कान्हा की सुनाई जाये तो अच्छा रहेगा…
Mast
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