Dhokhe Picche Aadhe Balak Baba Ban Ja Se by Chetna Balhara

Dhokhe Picche Aadhe Balak Baba Ban Ja Se by Chetna Balhara


Dhokhe Picche Aadhe Balak Baba Ban Ja Se by Chetna Balhara

 

ना निकला करो तुम बाहर जान जमाना ठीक नहीं…

भटके हुए मुसाफिरों को जान घुमाना ठीक नहीं…

जो गया था छोड़कर वो नसीब उसका था,

चक्कर में किसी गैर के जान गंवाना ठीक नहीं…

 

हर बात को अक्सर हम कल पर टाला करते है…

लोग होते काम है जो बात आला करते है…

पूछा मुझसे लोगो ने आखिर क्या ही लिखते हो,

लिखते थोड़ी है जनाब बस कागज काला करते है…

 

भरकर तुम्हारा पेट वो खुद भूखी ही रह लेगी….

ना सुनता कोई उसकी बातें वो खुद को ही कह लेगी…

चार गलियां दोगे भी तो घर को जोड़े रखती है,

बुरा तो लगता होगा पर, औरत है वो सह लेगी…

 

एक दिन सबके ज़हन में एक ही ख्याल होंगे…

तुम हम दोनों इश्क़ की मिशाल होंगे…

कुछ आशिक छोड़ जाते है बाद इश्क़ के,

हम आशिक तो होंगे लेकिन कमाल होंगे…

गुनाह इश्क़ का बड़ा महंगा पड़ता है दोस्त,

तुमने क्यों किया ऐसा सबके यही सवाल होंगे…

किसी की अधूरी मोहब्बत, किसी की लैला मजनू सी,

यार वे जोड़े उस वक़्त कितने बेमिशाल होंगे…

हिज़्र की सजा देकर हाल मत पूछा करो,

बिना इश्क़ के आशिक यूँ ही बेहाल होंगे…

 

प्यार में होइए मतना चेप किसी ते,

धरी धराई चीज अड़े गब्बा बन जाया करे…

अर ये देशी बालक कबीर सिंह कोन्या,

अड़े धोखे पाछे अगला बब्बा बन जाया करे…

 

झूठे आंसू ते करे मदद तू लग्गे जैसे दयालु…

बेब्बे ते सेव सेटिंग का नंबर, छोरे यार तू तो चालू…

 

जब प्रेम कान्हा हो तो कैसे रोये मीरा…

गिरधर की होकर कैसे दूजे की होये मीरा…

अगर सपनो में ही कृष्ण नहीं है तो,

बताओ फिर कैसे सोये मीरा…




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