Dear Future Husband by Lovely Sharma
डिअर मिस्टर फ्यूचर,
इस भीड़ और चमचमाती दुनिया के फरेबी रंगो में मुझे कुछ जयादा की चाहत नहीं…
बस तुम प्यार जूनून और जिंदगी के किस्सों में, मुझे थोड़ा सा हिस्सा देना…
अपने खवाबों को हक़ीक़त बनाने के लिए मैं खुद लड़ लुंगी…
बस तुम मेरी कामयाबियों में मेरी पीठ थपथपा देना…
और जब मैं गिरूं, तो मुझे हिम्मत देना, हाथ नहीं,
क्योंकि फिर मैं कभी खुद को संभालना सीख ही नहीं पाऊँगी…
तम्मना-ऐ-इश्क़ तो बहुत सारी है,
पर तुम ये याद रखना कि मैं सबसे ऊपर अपनी इज्जत को रखूंगी…
अपनी आँखों से तुम हर वो बात बयां कर देना,
जो तुम अपनी जुबान से ना कह पाओ…
और तुम मेरी ख़ामोशी मेरी आँखों से पढ़ना…
दुनियादारी की मुझे ज्यादा समझ नहीं,
और ना दुनिया की समझ से मुझे चलना आता है…
पर तुम इतना याद रखना,
तुमसे इतनी दरख्वास्त है कि तुम मेरे फैसलों की इज्जत करना…
और तुम्हारी दी हुई सलाह की कदर मैं करुँगी…
मेरा हाथ पकड़ कर रोक देना…
अपना हक़ समझ कर टोक देना…
मैं सही हूँ या सही नहीं, हर बात को आकर खोल देना…
बेकरारी को मेरी आराम देना…
मेरे दिन को अपनी शाम देना…
तुम्हारा कन्धा हो तकिया तो बने कभी सहारा,
अपने साथ हो ऐसा अंजाम देना…
कदम कदम पर साथ रहूं या ना रहूं,
पर कदम से कदम मिला के चलने का हक़ जरूर देना…
और नाराज होना, मुँह फूलना हक़ है तुम्हारा…
पर याद रखना कि दिन भर चाहे हम कितना भी लड़ ले,
रात के पहर में सुकून की चादर मुझे तेरे बाँहों की ओढ़नी है…
तो डिअर मिस्टर फ्यूचर, सिर्फ इन तीन चीजों का याद रखना,
कि इज्जत, प्यार और कमिटमेंट मुझे सिर्फ तुमसे चाहिए….
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