Kyun Sune Mohabbat Ke Kisse Hum by Kanha Kamboj

Kyun Sune Mohabbat Ke Kisse Hum by Kanha Kamboj


Kyun Sune Mohabbat Ke Kisse Hum by Kanha Kamboj

 

गर एकतरफा ही हम तुमपर मरते रहेंगे…

तो जान ऐसा हम कब तक करते रहेंगे…

दोस्त बनकर रहते है ना दोस्त,

आशिकी में तो हम तुम मरते रहेंगे…

बेशक रहेंगे तेरे क़दमों में हम,

ज़माने के तो हम सर पर चढ़ते रहेंगे…

कहीं आँख ही ना बह जाये आसुओं में,

बेहतर पागल ही कर दो, मुसलसल हँसते रहेंगे…

क्यों सुने किस्से मोहब्बत के फिर,

जब हर कहानी में आशिक ही मरते रहेंगे…

आपको बस हमी से है मोहब्बत,

आप ये कहने में कब तक डरते रहेंगे…

 

तू जरूरी है हर जरूरत को आजमाने के बाद

तू चलाना मर्जी अपनी मेरे मर जाने के बाद

है सितम ये भी कि हम उसे चाहते हैं,

वो भी इतना सितम ढाने के बाद

हो इजाजत तो तुझे छूकर देखूं,

सुना है मरते नहीं तुझे हाथ लगाने के बाद

वो रास्ते में मिली तो मुस्कुरा दिया देखकर,

बहुत रोया मगर घर जाने के बाद

है तौहीन मेरी जो तुम कर रही हो,

आवाज उठाई नहीं जाती सर झुकाने के बाद

कितनी पागल है मुझे मेरे नाम से पुकार लिया,

मुझे पहचानने से मुकर जाने के बाद

मुझसे मिलने आओगी ये वादा करो,

मुलाकात रकीब से हो जाने के बाद

वैसे हो बड़े बदतमीज तुम कान्हा,

किसी ने कहा अपनी हद से गुजर जाने के बाद

 



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