Accha Hota by Lovely Sharma
हम कभी ना मिलते तो अच्छा होता…
दूर ही रहते तो अच्छा होता…
जज्बात टटोलने के बजाय,
अगर किस्मत खंगालते तो अच्छा होता…
जेब खाली थी दिल की मेरी,
तुम बाज़ारों में ना बिकते तो अच्छा होता…
खुदगर्ज़ हो गए माटी के पुतले,
हम इंसा ही रहते तो अच्छा होता…
गए तो गए इससे शिकवा नहीं,
गिला बताकर जाते तो अच्छा होता…
नजर में बेरुखी और दिल में बेवफाई थी तुम्हारे,
तुम दिल ना बहलाते तो अच्छा होता…
इश्क़ मोहब्बत प्यार व्यार अजी मियाँ जाने दो,
तुम प्यार निभाते तो अच्छा होता…
एहसान है तेरा तूने इश्क़ सिखाया,
पर तुम वादे निभाते तो अच्छा होता…
और सुना था बागो में खिल उठी कलियाँ आहट से तुम्हारी,
तुम पतझड़ ना बुलाते तो अच्छा होता…
फरेबी मोहब्बत बनी क़ातिल हमारी,
तुम मुझे दफनाकर भी जाते तो अच्छा होता…
खून बहा था आँखों से उस दिन तुम्हे जाता देख,
तुम कब्र के नजदीक ना आते तो अच्छा होता…
हम कभी ना मिलते तो अच्छा होता….
दूर ही रहते तो अच्छा होता….
जज्बात टटोलने के बजाय,
अगर किस्मत खंगालते तो अच्छा होता…
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