Kisi Se Baat Ki To Wo Rooth Jayega by Chetna Balhara
हाँ मोहब्बत हुई हमें, सिवा उसके किसे बताये…
है ये दलदल गहरी समझो, पैर गया अब धस्ता जाए…
नहीं पसंद है उसको ग़ज़लें सुनाये भी तो किसको सुनाये…
ख़्वाहिश पूछी बोला हमने गोद में सर हो हम मर जाए…
रोको कैसे बोले जब वो, हाथ पकड़ हम कपकपाए…
मीठी सी है उनकी बातें बोले वही हम सुनते जाए…
ना कहते इतना कुछ ज्यादा वो, पक पक हम ही करते जाए…
कितने सुन्दर है लगते वो, निहारे हम तो हर वक़्त ही जाए…
क्या कहे सब कह चुके हम, बचा कुचा अब कलम बताये…
लक्ष पड़े है कम अब हम पर, कोई ग़ज़ल पूरी करवाए…
मत पूछिए कुछ आप हमसे, जान लीजिये ना, आपको जवाब की क्या जरूरत है…
आँखे नशीली, देखे तो नशा चढ़े, बताइये ना शराब की क्या जरूरत है…
और कैसे इज़हार सिर्फ एक फूल से कर दे हम,
जहाँ जाए जगह महका दे, आपको गुलाब की क्या जरूरत है…
हंसती रहती हूँ मैं अब बस, थोड़ी खुशमिजाज हूँ…
अब पिंजरे में कैद नहीं, मैं चिड़िया एक आज़ाद हूँ…
चील कबूतर दोस्त है मेरे तोते की नाद हूँ…
अब पिंजरे में कैद नहीं, मैं चिड़िया एक आज़ाद हूँ…
भटक भी जाऊं मैं अगर तो आवाज मुझे लगाते है…
नील गगन में पंख फैलाकर मिलकर गीत जाते है…
ना किस्से मेरे बहुत बड़े, ना किसी के लिए मैं फसाद हूँ…
अब पिंजरे में कैद नहीं, मैं चिड़िया एक आज़ाद हूँ…
नहीं करेंगे बात किसी से करी अगर तो वो रूठ जायेगा…
चैट किसी से ना करती, करी अगर तो वो रूठ जायेगा…
माना थोड़ा है पस्सेस्सिवे, फ़िक्र मेरी वो करता है,
कहने का हक़ उसको है, मत कहो परी वो रूठ जायेगा…
खट खट की उस गेट ने फिर से, पता चला कोई और है…
हार बैठे इश्क़ में, यहाँ बिना बात ही शोर है…
तजुर्बा अगर है तुम्हें तो आओ जरा सिखाकर जाओ,
दिल चुराकर भागा है शायद ही कोई चोर है…
मंजर थोड़ा ठंडा है हाथ में एक डोर है…
भीनी सी उस बारिश में जैसे नाचता कोई मोर है….
अजी किसी बात कर रहे हो आज ही दूर जाने की,
बैठो जरा महफ़िल में मोहब्बत का ये दौर है…
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