Hai Chakkar Mohabbat Ka Kese Bata Dun by Chetna Balhara
करे जो रुसवा दिलबर को, तो ऐसा प्यार क्या होगा…
मुसीबत देके मुस्काये, तो ऐसा यार क्या होगा…
सनम जो है वो पीछे पीठ के चाकू को घोंपे है,
जो मैं सह लूँ यूँ खुश होकर, तो फिर वो वार क्या होगा…
किस्सा नहीं है, कोई पुराना…
ना पूछो ना बोलो तुम ना अब है बताना…
है चक्कर मोहब्बत का, कैसे बताऊँ,
छोड़ो ना तुम भी, अजब है फ़साना…
कैसे सलाह दूँ मैं और किसी को,
कश्ती तो पहले डूबी है मेरी…
गैरों की बातों में ना फिर से आना…
मोहब्बत ना करना तुम, गलत है जमाना…
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