Dhang Me Hole Tu Mera Baap Ni Hai by Chetna Balhara
बोला नाग छपाले हाथ पे अपने, किस बात का रोला है…
मका दिखावट की के जरुरत हमे, महारे दिल में छुपरा भोला है…
जोर जोर ते हस्से है फेर भी मुँह तेरा उतरा है…
कैसे देखूं तन्ने मैं छोरे, तेरे बगल में बैठा छोरा सुथरा है…
दोस्ती हम प्यार ते निभावे, पीठ पीछे डस ले हम सांप नी है…
अर डर के क्यों जीवे हमने करे कोई पाप नी है…
अर आज जो ऊँची आवाज में बोलरा है ना,
ढंग में होले तू मेरा बाप नी है…
क्या कहूं आकर इस जमाने में…
लोग कमी नहीं छोड़ते फ़साने में…
आ तो गए है आप जिंदगी में हमारी बस इतना बताये,
कोई दिक्कत तो नहीं हुई आने में…
डरो नहीं दौर मोहब्बत का है,
लोग बहुत कुछ करते है यहाँ पाने में…
क्यों झांक रहे हो हाथ खाली है मेरे,
देखो कुछ नहीं बचा मेरे खजाने में…
मत लगाना दिल किसी से इतने अच्छे लोग नहीं,
माहिर है लोग यहाँ सिर्फ घुमाने में…
खतो का ज़माना नहीं यहाँ थोड़ा सम्भलो तुम,
वक़्त यहाँ लगता नहीं पन्ने जलाने में…
और कैसी बात कर रही हो, सुना जरा तुम चेतना,
मजे आते है यहाँ लोगो को किस्से उड़ाने में…
काम नहीं उन लोगो को जो बिना बात पीछे पड़े है…
कहते है वो कुछ कुछ पीछे, देखो आज भी पीछे खड़े है…
दुनिया तो बहुत ज़ालिम है,
असली दौर में अभी आये नहीं हो तुम…
खूबसूरत किस्सा हो अफवाह क्यों बनना है,
सबको सही लगे कोई राय नहीं हो तुम…
मत समझना अकेला दुनिया ऐसी ही है,
बात कर लेना हमसे पराये नहीं हो तुम…
आज चुप हो पर जानते है तुम्हें,
रूठे जरूर हो शायद किसी ने सताये नहीं हो तुम…
आना पास हमारे नाराज़ नहीं तुमसे,
ज़हन में हो अभी हटाए नहीं हो तुम…
करके इश्क़ की बातें उससे तुम जो जात करते हो…
गैरों संग कर बात इतनी तुम क्यों रात करते हो…
तोड़ किसी का दिल फिर मुझसे कहते हो है इश्क़ तुम्हे,
इतने हो तुम बेशर्म ये कैसी बात करते हो…
कहते है क्यों तुम खुश नहीं, क्या कहूं इन दर्दों पर…
हकीम नहीं है इनका शायद, क्या करूँ इन दर्दों पर…
लोग है आते देखने, कहाँ है क्या वो ज़िंदा है,
ढूंढ रही हूँ अपना कोई, जो रहम करे इन दर्दों पर…
लिखती हूँ तो हाथ कांपते, लिख रही हूँ दर्दों पर…
लोग है आकर कहते मुझसे, लिखो यार तुम दर्दों पर…
कैसे मांगू मदद किसी से, लोग सभी अब हँसते है,
काश कोई तो आये अब, मरहम लगाए दर्दों पर…
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