Bas Tera Khayal Khayal Me Raha by Kanha Kamboj

Bas Tera Khayal Khayal Me Raha by Kanha Kamboj


Bas Tera Khayal Khayal Me Raha by Kanha Kamboj

 

हिज्र में मैं बस इसी चाल में रहा…

तू पूछ ले कभी मैं किस हाल में रहा…

ये कैसा कैलेंडर मेरे हिस्से इस साल में रहा…

मैं तो दुःख में रहा या मलाल में रहा…

नींद आती थी और खवाब भी हसीं आते थे,

जब तलक उस हसीना की देखभाल में रहा…

मेरे ख्याल से ये ख्याल बुरा भी नहीं है,

बस तेरा ख्याल जो मेरे ख्याल में रहा…

और सबका कॉल उठाया उसने,

मैं इकलौता जो उसकी मिसकॉल में रहा…

कुछ तो बात है उसमे तभी तो,

उसपर लिखा शेर बड़ा बवाल में रहा…

 

इतनी भी ना चला मेरी जान मर्जियाँ…

कुछ तो तू मेरी भी मान मर्जियाँ…

झुमके मेरे है और उनपर,

अपनी कर रहे है ये तेरे कान मर्जियाँ….

 



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