Acche Bachche Gandi Baat Nahi Karte by Chetna Balhara

Acche Bachche Gandi Baat Nahi Karte by Chetna Balhara


Acche Bachche Gandi Baat Nahi Karte by Chetna Balhara

 

हर वक़्त अकड़ में घुम्मे, अरे के बात है…

जिस पे तू आके बैठे, वो महारी ही खाट है…

अर के कह है मन्ने नू ही ले जागा,

मका छोरे सुन, हाथ टूट जागे, मेरे आला जाट है…

 

अच्छा माफ़ करदे, बात या माननी, तेरे ते मैं घणी ही झगड़ी थी…

ना छुट्टी हत्था की मेहँदी, कसम ते बहोत ही रगड़ी थी…

कैसे आती पास मैं तेरे, बरात बाट देखे थी,

देखे रुकगी बाबू ने, मेरे हाथ में उनकी पगड़ी थी…

 

गिरगिट जैसे दोस्त है, दूसरा के धोरे बिकेंगे…

इन सुसरा के झूठ घने है, दुश्मन के घर दिखेंगे…

रे पीठ पाछे गाल बको हो, फेर कह दो तू जान है मेरी,

मेरे सामने आके खड़ा ना होइए, तेरे रहपटे बिन गिनती के टिकेंगे…

 

तेरी आँखे देख मैं भूल गयी…

रखा जो फूल था, मैं लाना भूल गयी…

और इतने खूबसूरत हो तुम मैं कैसे बयां करूँ,

छोड़ों यार, मैं आगे भूल गयी…

 

बेवजह किसी से मुलाकात नहीं करते…

बड़ों के बोलने से पहले शुरुआत नहीं करते…

बड़े हो तुम पर बाप नहीं, कहने को हम भी कह सकते है,

पर मम्मी ने कहा है अच्छे बच्चे गन्दी बात नहीं करते…

 

बात जो तुम्हें बतानी थी, दबा ली ना…

मेहबूबा तुमने अपनी कोई और बना ली ना…

क्या कहा वो छोड़ गयी, बात मेरी क्यों नहीं मानी,

सुनो जरा इधर आओ, बेइज्जती अपनी करा ली ना…




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