Aaj Ke Majnu Chaand Laan Ki Baat Kare by Chetna Balhara
गुनाह करते ना थकू, हर्ज़ाना भरना पड़ जाए…
कृष्ण लेने आ जाए, बरसाना मरना पड़ जाए…
मत पूछिए कुछ आप हमसे, जान लीजिये ना, आपको जवाब की क्या जरूरत है…
आँखे नशीली, देखे तो नशा चढ़े, बताइये ना शराब की क्या जरूरत है…
और कैसे इज़हार सिर्फ एक फूल से कर दे हम,
जहाँ जाए जगह महका दे, आपको गुलाब की क्या जरूरत है…
चाँद लान की बात करे था, जैसे चाँद पे उसका ठेका हो...
मेरे मुँह ते हंसी लिकडग़ी, यार बता अब के करूँ…
बात करे बनान की रानी, जने फूफा का कोई महल हो उसका,
मेरे मुँह ते हंसी लिकडग़ी, यार बता अब के करूँ…
केहवे था तू जान है मेरी, मका अच्छा और बता,
जड़ ते उसकी बहू लिकडग़ी, यार बता अब के करूँ…
केहवे था चल ब्याह करेंगे, मने उसके दो धर दिए,
मेरे मुँह ते हंसी लिकडग़ी, यार बता अब के करूँ…
मन्ने सारा का बेरा था, पाछे लगाया डेरा था,
तभी हर बार हंसी लिकडग़ी, यार बता अब के करूँ…
मुनासिब है तुम्हारा मुझसे यूँ अक्सर रूठ जाना…
मैं हर बार मनाता हूँ और तुम्हारा फिर मुस्कुराना…
और तुम्हारे रूठने पे इस दिल पे क्या गुजरती है मैं क्या बताऊँ,
जैसे आईने को पत्थर पे मारो, और पत्थर का टूट जाना…
चाहे तन्ने मैं पसंद कोन्या, चल तू मेरे ते एक बात बता…
के कितना उखाड़ लिया है, आज बता या काल बता…
अर हम तो ठहरे सुद्धे बालक, आँख तेरी ख़राब है,
थोड़ी बात में भड़क सा जा है, जा तू अपना इलाज़ करा….
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