Ek Time Pe Do Do Setting by Chetna Balhara

Ek Time Pe Do Do Setting by Chetna Balhara


Ek Time Pe Do Do Setting by Chetna Balhara

 

देखो आयी होली है, हटा दिया सब बाधा को…

नाच रहे हो गिरधर जैसे, रंग लगा हो राधा को….

 

घर रहेंगे अब से हम ये तो एक बहाना है…

आऊं जब तो मिलने आना गालो पे रंग लगाना है…

वो कहता जचता सूट है तुमपे, पहन वही फिर आना है…

आऊं जब तो मिलने आना गालो पे रंग लगाना है…

 

अपने आप को परेशान कर रहे है…

जान कर किसी को अनजान कर रहे है…

जिनसे कभी बात होना नामुमकिन था,

आज उनके हवाले अपनी जान कर रहे है…

जिनका मुकद्दर में मिलना नहीं हमसे,

जिद है ज़मीन को आसमान कर रहे है…

देखो जिनको मतलब नहीं दुनियादारी से,

वो कौनसा कोई काम महान कर रहे है…

थी जिनसे दुश्मनी अपनी बहुत जोरो की,

दोस्त मेरे उन्ही का सम्मान कर रहे है…

दो धर्म में दोस्ती गुनाह है समझो,

बददिमाग लोग ऐसा ही रुझान कर रहे है…

बेगुनाह पाक इरादे है तुम्हारे चेतना,

लोग ये मेरे हक़ में ऐलान कर रहे है…

 

क्रश मेरा था जो तब से, हमसे थोड़ा रूठ गया…

उनके लिए जो घडी बोली थी, उसका पट्टा टूट गया…

आये मेरे पास वो कहने, क्या तुम्हे मोहब्बत है,

बोल ना पायी सच में कुछ, यूँ पसीना छूट गया…

 

अब तुमको ना ध्यान होगा…

ना वो तीर ना म्यान होगा…

फरेब बताते हो तुम पूजा,

जा घर तू नादान होगा…

जाओ चाहे तुम ज्ञानी बनने,

इतना भी ना ज्ञान होगा…

बन नहीं सकते पुरषोत्तम,

मन में जब ना राम होगा…

 

ओरो की तू तो बात मान्ने, अरे सबका सलाहकार है तू तो…

एक टाइम पे दो दो सेटिंग, छोरे कलाकार है तू तो…

 



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