Mann ki Baat by Lovely Sharma
चल आज मन की बात करते है…
कुछ तू बोल कुछ हम बयां करते है…
आवाज मेरी ये कलम उठा देगी…
तेरी मंजिल तेरी चाह बता देगी…
ये हारे हुए लोग तुझे कभी जीतने नहीं देंगे…
तुझे गिरा तो देंगे जमीन पर, लेकिन कभी उड़ने नहीं देंगे…
गाला भी घोंटेंगे तेरा और साँस लेने को भी कहेंगे…
तू कर विश्वास दुनिया का, तेरे कातिल भी बनेगे….
चार मीठी बातें तुझसे तेरे राज़ खोल देगी…
जिन किस्सों से फिर बेगानो की महफिले सजेगी…
आसुओ की लाश देख तेरा मन भर आएगा…
दिल की बातों से तू कल दिमाग को समझायेगा…
आखिरी उम्मीद भी आखिर में मर जाएगी…
एक दिन तुझको भी लेने मौत तेरी आएगी…
कुछ जयादा की उम्मीद नहीं तू बस खुद को संभाल लेना…
जब टूट जाये अंदर से, अंधेरो से उजाला बना लेना…
वक़्त की कीमत तुझे वक़्त बता देगा….
राह चलता भी तुझे तेरी खामियां गिना देगा…
कुछ जयादा की उम्मीद नहीं तू बस खुद को संभाल लेना…
जब टूट जाये अंदर से, अंधेरो से उजाला बना लेना…
सौ दर्द के सौ मरहम नहीं मिलेंगे…
याद रखना ज़िन्दगी में बिना काँटों के कभी फूल नहीं मिलेंगे…
गिरकर उठना, फिर उठकर चलना तेरी जिंदगी बन जाएगी…
इंसान के किरदार में ये कहानी बहुत रुलायेगी…
आसुओ की महफ़िल बहुत बार लगेगी…
कभी मय्यत, कभी मोहब्बत, तुझे कभी तेरी उम्मीदें रुला देगी…
उम्मीदों की लाश देख तेरा मन भर आएगा…
दिल की बातों से तू कल दिमाग को समझायेगा…
कुछ जयादा की उम्मीद नहीं तू बस खुद को संभाल लेना…..
जब टूट जाये अंदर से, अंधेरो से उजाला बना लेना…
गलती का पुतला कल मिट्टी में मिल जायेगा…
तेरे हिस्से की रोटी अबसे कौआ लेकर जायेगा…
कुछ जयादा की उम्मीद नहीं तू बस खुद को संभाल लेना…
सफर बहुत लम्बा है, तू खुद को ही अपना हमराही बना लेना…
कुछ जयादा की उम्मीद नहीं तू बस खुद को संभाल लेना…
जब टूट जाये अंदर से, अंधेरो से उजाला बना लेना…
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