Tum Khwab Hote Toh Bhula Deti Tumhe by Monika Singh
तुम ख्वाब होती तो भुला देती तुम्हें,
पर
तुम हक़ीक़त हो तुम्हें भुलाऊ कैसे…
पास आना तुम्हारे मुमकिन नहीं हैं,
पर तुमसे दूर जाऊँ भी तो कैसे जाऊँ…
खूबसूरत से पलों की वो कुछ खूबसूरत यादे हैं….
आज भी मुझवानी याद सारी बातें हैं…
मेरे कंधे पर तेरे सर को झुका लेना…
मेरी बातों पर तेरा होले से मुस्करा देना…
वो जो किए थे हज़ारों वादे…
जो गुजारी थी साथ कई जगाती रातें…
हर पल कैद हैं जहन मे जेसे कल की ही बात है….
मेरे हाथो मे जेसे तेरा आज भी तेरा हाथ हैं….
पर जो फासले है तेरे मेरे दरमियान है इन्हें मिटाऊ कैसे…
मजबूरियाँ मैं अपनी तुझे गिनाऊ कैसे…
पास आना अब तुम्हारे मुमकिन नहीं,
पर तुमसे दूर जाऊँ भी तो कैसे जाऊँ…
एक आरसा हुए तुमसे बिछड़े हुए,
हाँ जानती हू मैं की अब हम साथ नहीं…
बहुत बढ़ चुकी हैं दूरिया की अब पहले जेसे हालत नहीं…
कहीं खो गयी हैं मोहब्बत तुमसे दूर जाने की जिद मे…
तुझे एक झलक देख लेने की आस दिल मे…
अब भी बाकी हैं वक्त बदला रिश्ते बदले और अब जिंदगी बदल गयी…
मुझे तुमसे बेहतर और तुम्हें मुझसे हसीन कोई मिल गयी…
पर जब भी बात होती है कहीं सुकून ए रूह की,
ख्याल बनकर आ चुके होते हो तुम…
तुम ही कहो इन आंसुओ को पलकों मे छिपाऊ कैसे…
बेबसी दिल की मैं तुझे दिखाऊ कैसे…
पास आना अब तुम्हारे मुमकिन नहीं,
पर तुमसे दूर जाऊँ भी तो कैसे जाऊँ…
बातें बहुत हैं जो तुमसे करनी हैं…
जिंदगी मे खलती अब भी तुम्हारी कमी हैं…
यू तो बढ़ चुकी हू मैं आगे बहुत,
पर आज भी इन् आखों मे रहती तुम्हरी नमी है…
नादान है दिल कि समझता नहीं हैं…
पर अब जो खो दिया सुकून अब वो ढूँढे से मिलता नहीं हैं…
तेरे नाम से दिल मे हलचल सी हो जाती हैं…
मानो इन सासों को तुझ पर आज भी ऐतबार कहीं हैं…
तुम ही कहो इन सासों से तेरी खुशबु को मिटाऊ कैसे…
तेरी यादों से दामन को छुड़ाऊ कैसे…
तुम ख्वाब होते तो भुला देती तुम्हें,
पर तुम हक़ीक़त हो तुम्हें भुलाऊ कैसे…
पास आना अब तुम्हारे मुमकिन नहीं,
पर तुमसे दूर जाऊँ भी तो कैसे जाऊँ…
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