Ke Keh Hai Tu Chhod Ke Bajega by Chetna Balhara
जलने वाले हर एक अच्छे काम में बाधा ढूंढेगे…
चलो ले एक गहरी सांस हम श्याम में राधा ढूंढेगे…
उनके आगे ना जाने कितनो ने शीश झुकाये है…
यार सुनो बात मेरी हम वृन्दावन हो आये है…
गोकुल के गलियन के किससे आकर सबको बताये है….
यार सुनो बात मेरी हम वृन्दावन हो आये है…
ना जाने कैसा है जादू घुंघरू बन पग चूमे है…
माखन खाके वृन्दावन का मस्त मगन में घूमे है…
बात दर्शन के माथे पे सबने चन्दन लगाए है…
यार सुनो बात मेरी हम वृन्दावन हो आये है…
दासी बन सेवा कर यहाँ हरे कृष्णा रटकर आये है…
यार सुनो बात मेरी हम वृन्दावन हो आये है…
सुना है सच्चा प्रेम यहाँ है युगल घाट नहाये है…
यार सुनो बात मेरी हम वृन्दावन हो आये है…
जाकर प्रेम मंदिर में अरदास लगाकर आये है…
कृष्ण प्रेम में झूम झूमकर मीरा सी हो आये है…
बांसुरी की धुन से सबको बावरा बनाये है…
यार सुनो बात मेरी हम वृन्दावन हो आये है…
भूल ना जाओ किस्सा वहां की मिटटी हम रख लाये है…
यार सुनो बात मेरी हम वृन्दावन हो आये है…
जहाँ मिलेगी छवि कृष्ण की वहां मैं आकर घुमुंगी…
ना बनना राधा रुक्मण है मैं मीरा बनकर झूमूंगी…
जहाँ मिलेंगे चरण कृष्ण के उनको आकर चूमुंगी…
जहाँ चढ़ेगा भोग कृष्ण को उस माखन को ढूंढूगी…
सुकून यहाँ के हर एक कण में सबको आकर बोलूंगी…
ना बनना राधा रुक्मण है मैं मीरा बनकर झूमूंगी…
टूट बैठे अब भी उसका इंतज़ार है, अरे जाने दो…
मत करो इश्क़ बेकार खुमार है, अरे जाने दो…
तुमसे बिछड़कर कई रातों से सोये नहीं,
कल सोयेंगे इतवार है, अरे जाने दो…
मत कहो ले लूँ वापस वो दिल उनसे,
उनपे उधार है, अरे जाने दो…
और खबर मेरी छप गयी तो क्या गिला करूँ,
कल का अखबार है, अरे जाने दो…
और बिखेरा उन्होंने हमे तो बताओ क्या सजा दे,
पुराना प्यार है, अरे जाने दो…
सारा दिन दिमाग में भड़क रखे, अरे कितना पे मरे है तू…
हां तेरे ते प्यार है अर मेरे ही सर है तू…
अर के कह है मन्ने छोड़ के भाजेगा,
अरे छोरे सत्तर बार तन्ने बात कह ली, कसी बात करे है तू…
किससे मेरे छूट गए है आओ सुनाओ पहली बात…
ऊपर जाकर गिरी मैं ऐसे, सबने पूछी पहली बात…
जलने वाले एक नहीं, है यहाँ पर बेहिसाब,
कैसे हुई ये शुरुआत मेरी आओ सुनाऊँ पहली बात…
ना था इतना ज्ञान मुझे डरकर कहीं वो पहली बात…
महफ़िल सुखी सुखी थी छुपाई मैंने वो पहली बात….
किस्मत का था ये कमाल उठी मेरी वो पहली बात…
हलचल की उस बात ने फिर, सबने कहीं वो पहली बात…
महफ़िल हुई सबसे अलग, सुनी वो सबने पहली बात…
माइक पकड़ा कहा सबने, चेतना सुनाओ पहली बात…
मैं बोली तू लफंगा है घर में तन्ने पसंद कोनी करे…
बोल्या बावली बेमतलब की बात मत ना करे…
मका समझना बेकार है तेरे ते…
बोल्या बहुत घना प्यार है तेरे ते….
नू कह तेरे पे अपनी जान वार दूंगा…
मका ना मन्ने तो कोई और ले जागा,
नू कह जान ते मार दूंगा…
तन्ने जाना है तो जा यार,
मैं तेरी टेंशन थोड़ी हूँ…
नू कह जल्दबाजी किस बात की है तन्ने,
मका हैंग हो जाऊ सैमसंग थोड़ी हूँ…
प्यार हर बार जताना जरुरी है क्या…
मान भी जाओ मनाना जरूरी है क्या…
हाँ तुमसा नहीं मगर तुमसे है,
सुनो दरमियाँ हमारे जमाना जरूरी है क्या…
मैंने कहाँ कभी कुछ माँगा है तुमसे,
तुम्हारा बात बात पे आजमाना जरुरी है क्या…
बेचैनी सी है रुको जरा पास मेरे,
किस जल्दबाजी में हो जाना जरुरी है क्या….
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