Veer Suhagan By Lovely Sharma

Veer Suhagan By Lovely Sharma

Veer Suhagan By Lovely Sharma

 

ओढ़ लिया है सफ़ेद लिबास मैंने कुछ रंगो से मुझे मिला जाना..

कुछ काश अधूरे है मेरे उनको पूरा करने आ जाना..

थामा हुआ है दरियाँ आँखों के किनारे इनमें एक लहर बहाने आ जाना..

सपने नहीं है अब सपनो में मेरे एक आस ज़िन्दगी की दिला जाना..

कुछ काश अधूरे है मेरे उनको पूरा करने आ जाना..

वादा किया था जल्दी आऊंगा, माँ के लिए शॉल और तेरे लिए साडी लाऊंगा..

बाबा अभी जवान है तो उनकी लाठी मैं खुद बन जाऊंगा..

लाड़ली की डोली भी मैं अपने हाथो से सजाऊंगा..

कुछ कसमें अधूरी है हमारी उनको पूरा करने आ जाना..

कुछ काश अधूरे है मेरे उनको पूरा करने आ जाना..

लिख सकू जो मैं आपकी शान में वो स्याही कलम की बन जाना..

जब सुनाने बैठूं मैं फिर से कविता शब्दों में सार बनकर समा जाना..

कुछ काश अधूरे है मेरे उनको पूरा करने आ जाना..

झूठ है जो आशीर्वाद सदा सुहागन का उनको सच बनाने आ जाना..

श्रृंगार कर दीया दान मैंने चिता में मुझे चूड़ी नयी पहना जाना..

कुछ काश अधूरे है मेरे उनको पूरा करने आ जाना..

अभागन बोलती है मुझे दुनिया सारी उनको अपनी शहीद गाथा सुना जाना..

कुछ काश अधूरे है मेरे उनको पूरा करने आ जाना..

राते जागती है अभी मेरे साथ उनको अपनी गोद में सुला जाना..

सुबह अगर ढूंढे सुकून को उसे अपना पता बता जाना..

कुछ काश अधूरे है मेरे उनको पूरा करने आ जाना..

खाने को आती है अभी दीवारे सारी तस्वीरो से फूल हटा जाना..

तारों से करती हूँ अभी बाते मैं, कुछ मेरी सुनकर अपना हाल बता जाना..

कुछ काश अधूरे है मेरे उनको पूरा करने आ जाना..

फीके पड़ गए सारे फूल उन्हें अपने जैसा महका जाना..

कुछ काश अधूरे है मेरे उनको पूरा करने आ जाना..

मुझपे नहीं संभलते अब सवाल, पापा कहा है उन्हें बता जाना..

माँ खाना नहीं खाती अब उनको दो निवाले खिला जाना..

कुछ काश अधूरे है मेरे उनको पूरा करने आ जाना..

ये जो लड़ रहे है देश में इनको अपने सरहद पे होने का भान करा जाना..

खोखला हो गया है समाज सारा, इनको इंसानियत का पाठ  पढ़ा जाना..

जब आउ मैं तेरी कब्र पर रोने, एक बार उठकर चुप करा जाना..

कुछ काश अधूरे है मेरे उनको पूरा करने आ जाना..

गर्व से हूँ मैं शहीद की विधवा, एक बार फिर से वीर सुहागन बना जाना..

कुछ काश अधूरे है मेरे उनको पूरा करने आ जाना..

 



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