Teri Aukaat Nahi Hai By Vihaan Goyal

Teri Aukaat Nahi Hai By Vihaan Goyal


Teri Aukaat Nahi Hai By Vihaan Goyal

 

मेरी मोहब्बत पर सवाल उठाये तेरी औकात नहीं है..

तुझे लैला का दर्ज़ा दिया मैंने, असल में तू उसके पैरो कि छाप नहीं है..

जा बता दे सबको तूने मुझे छोड़ दिया, मेरा दिल तोड़ दिया..

सबको मालूम पड़े कि बेवफाई में मेरा कोई हाथ नहीं है..

खामखा तुझे खूबसूरत समझता रहा, प्यार कि मूरत समझता रहा..

तेरे लिए रोया तो समझ में आया कि तुझमे ऐसी कोई बात नहीं है..

मेरी मोहब्बत पर सवाल उठाये तेरी औकात नहीं है...

 

जिस दिन तूने मुझसे कहा था it's not working anymore..

तुझे मनाता रहा, समझाता रहा and then you said,

कि मेरी ख्वाहिशे पूरी कर सको तुम्हारे हालात नहीं है..

मेरी मोहब्बत पर सवाल उठाये तेरी औकात नहीं है...

 

रहो अब online चाहे रात भर,

post करो selfie कहकर slaying with my new lover..

मुझे फर्क नहीं पड़ता क्यूंकि babu अब हमारे अंदर वो जज़्बात नहीं है..

मेरी मोहब्बत पर सवाल उठाये तेरी औकात नहीं है...

 

है कल अगर तुझे तेरी गलती का एहसास हो जाये,

तो मुँह उठाकर मेरे पास मत चली आना..

क्यूंकि एक किताब को पढ़ू दो बार baby, Vihaan कि वो ज़ात नहीं है..

मेरी मोहब्बत पर सवाल उठाये तेरी औकात नहीं है..

तुझे लैला का दर्ज़ा दिया मैंने, असल में तू उसके पैरो कि छाप नहीं है..

 

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