Shikayte by Lovely Sharma
किसी ने कहा मुझसे के मेरी गज़लो मे उनकी मोहब्बत लौटा दी…
तू बेहरा है क्या? ये बात मै किससे करूं?
लिखाई भूल गयी मेरी कलम,
सुख दुख की बात मै किससे करूं?
जवानी को रुला गयी मोहब्बत,
तसल्ली अब मै किस बात की करुं?
छोड़ दे मुझे मेरे हाल पे मालिक,
बता रब की ही शिकायत मै किससे करुं?
वफा, नवाजिश,हँसी,खुशी सब किताबी बातें है,
मिटे हुये लेख का बियौना मे किससे करुं?
लौट के बैठी है अब ये दुआये मेरी,
सदके,इबादत,नमाज मै किस अल्लाह की करुं?
खामखां ही उम्मीद की मंजिलो की मैने,
पायब दरिया मे डूब गयी कशती,
था मुहाफिज़ का कसूर,इंसाफ की बात मै किससे करुं
लोग बकते है मेरी हंसी जिंदगी के किस्से,
रेत का दरिया कहानी मेरी,गागर की ख्वाहिश मै किससे करुं?
बस इतने से सवाल मेरे रब्बा,बता जबाब की गुंजाइश मै किससे करुं?
उम्मीदे,ख्वाव,चाहत कहाँ किसके नसीब है?
मिटे हुये लेख का बियौना बता मै किससे करुं?
बहस ना जाने फरिशते मेरे,
तर्क,वितर्क की बातें मै किससे करुं?
तेरे ना होने का अहसास बड़ा रुलाता है,
अब यादो की शिकायत मै किससे करुं?
बस इतने से सवाल मेरे रब्बा,बता जबाब की गुंजाइश मै किससे करुं?
किसी ने कहा मुझसे के मेरी गज़लो मे उनकी मोहब्बत लौटा दी,
तू बेहरा है क्या? ये बात मै किससे करूं?
Comments
Post a Comment
Thank You for Your Comment