Wo Aaj Bhi Mujhe Apni Maang Ka Sindoor Maanti Hai by Ankit Guryan

Wo Aaj Bhi Mujhe Apni Maang Ka Sindoor Maanti Hai by Ankit Guryan

Wo Aaj Bhi Mujhe Apni Maang Ka Sindoor Maanti Hai by Ankit Guryan

 

प्यार जो मांगे तू,

तो कदमों में तेरे ईमान रख दूँ।

दिल रख दूँ, जान रख दूँ,

दिल के सारे अरमान रख दूँ

 

काश इस काली अंधेरी रात में,

मुझे चाँद का दीदार हो जाये।

मैं रोक लूँ हाथ पकड़कर तेरा,

और तुझे मुझसे प्यार हो जाये।

 

लफ्ज़ खामोश है मेरे,

लेकिन आँखों से बहुत कुछ कह जाता हूँ।

तुम बारिश की तरह आती हो,

और मैं मिट्टी के जैसे बह जाता हूँ।

 

तुम्हारे लिये सारी दुनिया से मैं,

अकेला ही लड़ सकता हूँ।

तुम्हारे दिल--मंदिर में मैं,

नमाज़--इश्क भी पढ़ सकता हूँ।

 

सुनो, मिलूं गर एक अरसे बाद मैं तुम्हें,

तो आकर मेरे गले लग जाओगी क्या।

बन जाऊं गर मैं राज तुम्हारा,

तो तुम मेरी सिमरन बन जाओगी क्या।

 

खुदा से मैं रोज़ दुआ मांगता हूँ।

ना जाने मैं उनसे ये क्या मांगता हूँ।

जानता हूँ कि तुम मुझे कभी ना मिलोगी,

ना जाने क्यों फिर भी हर रोज़ तुझे ही मांगता हूँ।

 

माना कि अब पास नहीं वो मेरे,

लेकिन मुझे कहाँ खुद से दूर मानती है वो।

और तुम लाख समझो मुझे अपने पैरों की धूल दुनिया वालों,

मगर मुझे अब भी खुद की मांग का सिंदूर मानती है वो।

 

माना कि तुम साथ नहीं हो मेरे,

लेकिन इन आँखों को तुम्हारा इंतजार आज भी है।

हाँ इजहार--मोहब्बत नहीं किया अब तक मैंने,

लेकिन तुमसे इश्क बेशुमार आज भी है।

 

हो गई इंतहा अब मेरे इंतज़ार की,

अब अपना प्यार तुम्हें कुछ इस क़दर जताऊंगा मैं।

लोग चूमते होंगे हाथों और होठों को बेशक,

मगर तुम्हारे माथे को चूमकर तुम्हें अपना बनाऊँगा मैं।

 

सूख चुका है तुम्हारा दिया हुआ वो गुलाब का फूल,

मगर मैंने आजतक भी उसको फेंका नहीं है।

जिंदगी में सिर्फ तुमसे बेइंतिहा मोहब्बत की है मैंने,

किसी और लड़की को तो नजर उठाकर भी देखा नहीं है।

 

मेरी मोहब्बत वो है, मेरी इबादत वो है,

उसके सिवा मैंने किसी और को देखा नहीं है।

इस महफ़िल--शाम में उसने सिर्फ मेरा दीदार किया है,

और तू कहता है कि मेरे हाथ में प्यार की रेखा नहीं है।




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