Unhone Kaha Humse Ke Ishq Hai Tumse by Aman Chugh

Unhone Kaha Humse Ke Ishq Hai Tumse by Aman Chugh


Unhone Kaha Humse Ke Ishq Hai Tumse by Aman Chugh

 

उन्होने कहा हम से, कि इश्क है तुमसे…

चाहे आजमा के देख लो, वफा करेंगे तुमसे….

हमने कहा,अमां जनाब गजब मजाक करते हो….

कहाँ टूटे काँच के टुकडो मे जाम भरते हो…

कि मत करो कोशिश, दिल अब भी जख्मी है,

पेहले पुराना मसला तो सुलझने दो….

कहाँ नये जंग का आगाज करते हो…

वो बोले कि तां उम्र मोहब्बत करेगें तुमसे…

इक मौका तो दो…

 

कभी साथ नही छोडेगे ये वादा ले लो…

हमने कहा जनाब, कहाँ मौको की तलाश में फिरते हो…

क्यु जिंदगी जहन्नुम करते हो

छोडो फिजुल की बाते कुछ पल युही साथ बैठ जाओ,

अगले लम्हे की खबर नही, कहाँ उम्र भर साथ निभाने की बात करते हो…

 

वो बोले कि तुम कहो तो चाँद तारे तोड लाऊ…

तुम्हे पाने के लिए सारी कायनात से लड जाऊ…

हमने कहा,जनाब जरा ठहरो कहाँ जोश मे ये वादे करते हो…

क्यु बेबजह कायनात से लडते हो…

संभालो खुद को कि ये इश्क तो झोंका है हवा का,

कहाँ इन झोंको के बेहकावे में आके जिंदगी बर्बाद करते हो…

 

उन्होने फिर कहा कि बेइंतहा मोहब्बत हो गयी है तुमसे,

तुम्हारे बिना जी नही पायेगे, अधूरे थे अधूरे ही रेह जायेगे…

हमने कहा जनाब तुम्हारे जज्बातों की कद्र खूब करते है…

तुम्हारे हालातो को भी बखूबी समझते है…

तुम समझो बडा ही दर्द है, कमबख्त इस मोहब्बत में,

हम अंजाम देख चुके है,तभी दोबारा करने से डरते है…

 



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