Toote Hue Ke Sath Hi Dil Ko Lagana Chahiye by Suraj Sharma
हर शाम डल जाता है दुनिया के लिये सूरज,
कही तो हाल ऐसा है कि सारी रात जलता है…
ना लपटे है ना चिंगारी,ये जाने आग कैसी है,
किसी का दिल सुलगता है, किसी का ख्वाव जलता है…
तजुर्बा हो गया मुझको भी दुनिया के फरेबो का,
यहाँ हर एक को परखा है, किस किस से निभाना चाहिये…
अपनो ने ठुकराया तो गैरो का तमाशा बन गया,
हर मतलबी से अब फकत मतलब मिटाना चाहिये…
दिल बहलने को कोई जँचता नही बाजार में,
पर जिंदगी जीने को कोई तो बहाना चाहिये…
हर शक्स बैठा है लिये खंजर मयानो मे यहाँ,
किसी घायल हुये के साथ ही रिशता निभाना चाहिये…
जवानी उम्र भर भटकी रही है किन अंधेरो दर बदर,
अब ठहर जाने को कोई तो ठिकाना चाहिये…
खाक होते देखा है कितने घरोंदो को यहाँ,
अब नींव पक्की बाँध कर एक घर बनाना चाहिये…
देकर सहारा बेसहारा छोड़ जाने के लिये,
हर एक प्यादा है यहाँ बस तोड़ जाने के लिये,
अब क्या कहे दिल की दवा किसको बनाना चाहिये…
किसी टूटे हुये के साथ ही दिल को लगाना चाहिये…
बीती हुई हर याद हर गम को जलाना चाहिये…
हर जख्म पे मुझको फकत मरहम लगाना चाहिये…
रूठे हुये हर वक्त को फिर से मनाना चाहिये…
टूटे हुये हर ख्वाव को फिर से सजाना चाहिये…
जिसे फुर्सत ना होती थी कभी मुझको मनाने से…
बड़ा बेफिक्र सा बैठा है,मेरे रूठ जाने पे…
जो मेरे पास रहने के बहाने खोज लेता था,
वही अब दूर रहता है किसी बेतुक बहाने से…
युं डर तो ना था पहले कभी उसको जमाने का,
उसको फकत डर था तो मुझसे दूर जाने से…
जमाने के रिवाजो का बहाना आज है उस पर,
उसे वो डर नही लगता,मेरे अब दूर जाने से…
हँसाने के जतन उसके वो अब भी याद है मुझको,
के उसके मनाने का तरीका याद आता है…
हर भूल पर उसकी दलीले याद आती है,
युं उसके इश्क करने का सलीका याद आता है…
खुशामदे याद आती है बहाने याद आते है…
मनाने रूठ जाने के फसाने याद आते है…
खुशामद आज तो हमने भी उनसे टूट कर की थी…
बड़ा बेफिक्र बैठा है मेरे युं टूट जाने पे…
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