Meri Jaan Meri Kamar Pakad Lo Andhera Hai by Kanha Kamboj

Meri Jaan Meri Kamar Pakad Lo Andhera Hai by Kanha Kamboj


Meri Jaan Meri Kamar Pakad Lo Andhera Hai by Kanha Kamboj

 

Jaan Meri Baat Samajh Lo Andhera Hai

Ya Kamar Se Jakad Lo Andhera Hai

 

तुम्हारा हर जख़्म हम गवारा कहते…

है यही सच लो हम दोबारा कहते…

जान नहीं मिलना तो साफ़ कह दीजिये,

नजर झुकाने को तो हम इशारा कहते…

 

यह कि जान थोड़ा संभलो अंधेरा हैं…

या कमर से जकड़ लो अंधेरा हैं

 

जान थोड़ा संभलो अंधेरा हैं

या कमर से जकड़ लो अंधेरा हैं…

फिर कभी सुनाना डरावना किस्सा कोई,

फिलहाल मेरी बात समझलो अंधेरा हैं…


यह कि जान थोड़ा संभलो अंधेरा है

या कमर से जकड़ लो अंधेरा हैं…

फिर कभी सुनाना डरावना किस्सा कोई,

फिलहाल मेरी बात समझलो अंधेरा हैं…

यूँ बेबात ना लड़कर जाओ दूर हमसे,

यार पास रहकर झगड़ लो अंधेरा हैं

मैं उसे गले लगाने वाला था वो चिल्ला कर बोली,

चुपचाप बस हाथ पकड़ लो अंधेरा हैं…

जिस मासूम को सिखाया कहानी लिखना हमने,

वो हमें सिखा रहा हैं किरदार बदल लो अंधेरा हैं…

और फिर कभी करना इधर उधर की बातें कान्हा,

कान्हा फिलहाल तुम अपने मन की कर लो अंधेरा हैं…

 

 


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