Chashma Aankh Hai Hamari by Chetna Balhara

Chashma Aankh Hai Hamari by Chetna Balhara


Chashma Aankh Hai Hamari by Chetna Balhara

 

घर में बुझी जिसने तू पसंद करे है,

सांवला है के

नू बोल्या तू मुझे मेरे रंग ते छोड़ देगी,

मका छोरे बावला है के

 

बिना ध्यान लगाए को लिखता कोनी

पत्थर पे बनाया दिल कदी मिटता कोनी

अर हम बालक इसे है म्हारे चश्मा लगरा है,

या आँख है महारी, इब हमने दिखता कोनी

 

ना आयी समझ किसी के वैसी सलाह हो गया

जिंदगी ऐसी बदली सब तबाह हो गया

किस मुँह से किस्मत को अच्छी बताऊ अपनी,

किस्मत ऐसी फूटी मेरी मोहब्बत का निकाह हो गया

 

बात जहाँ सच की हो वहां झूठ बताते हो

मैं कोई नहीं तुम्हारी दोस्तों को अपने जताते हो

कैसे मान लूँ तुम्हें इश्क़ है मुझसे,

जहां बात रूह की हो वहां जिस्म ले आते हो

 

अच्छे लोगो को मिलती घास नहीं

नफरत तुम्हारी कोई ख़ास नहीं

हाँ सुनाओ जो तुम्हें सुनाना है यार,

पर बात करो बकवास नहीं

 

दिल में है जो छुपाना नहीं है

उनसे कुछ पूछो तो बताना नहीं है

यार देखो हमे मगर प्यार से,

निहारने पर को जुर्माना नहीं है

 

तुम मोहब्बत हो हमारी ऐसे ना भटकाया करो

हम आशिक़ है तुम्हारे सबको यही बताया करो

इतने खूबसूरत हो तुम्हें नजर लगी तो मेरा क्या होगा,

सुनो, हो ना जाये तुम्हें कुछ यार नींबू मिर्च गले में लटकाया करो

 

उसका मेरी गलतियों पे चिल्लाना, बाद में सॉरी बोल जाना

मेरा नखरे दिखाना, उसका मुझे मनाना

हाय कितना क्यूट लगता है ना

उसका मुझे बच्ची बुलाना, मेरा इस बात पे मुँह फुलाना….

उसका यूँ नजरें मिलाना, मेरा फिर शरमा जाना

हाय कितना क्यूट लगता है ना

मेरा उसपर ऑर्डर चलाना, उसका चुपचाप सुने जाना

मेरा उसपर हक़ जताना और उसका पिघल जाना

हाय कितना क्यूट लगता है ना

पब्लिक में मेरा हाथ पकड़ जाना, "कितने प्यारे लग रहे है सोचके" मेरा फिर शर्माना

उसका नाम सुन कहीं मुस्कुराना, उसके नाम से अपना नाम मिलाना

हाय कितना क्यूट लगता है ना

मेरा बकवास करे जाना, बैठ साथ उसके मोमेंट्स बनाना

मेरा दुपट्टा उसके घडी में फस जाना, फ़िल्मी सीन समझ के हमारा हस जाना

हाय कितना क्यूट लगता है ना

कहीं जाऊँ दूर उसका सैड हो जाना, देखे कोई और मुझे मैड हो जाना….

मेरी है तू हर बार जताना, फिर मुझे गले से लगाना

हाय कितना क्यूट लगता है ना

 

प्यार हर बार जताना जरुरी है क्या

मान भी जाओ मनाना जरूरी है क्या

हाँ तुमसा नहीं मगर तुमसे है,

सुनो दरमियाँ हमारे जमाना जरूरी है क्या

मैंने कहाँ कभी कुछ माँगा है तुमसे,

तुम्हारा बात बात पे आजमाना जरुरी है क्या

बेचैनी सी है रुको जरा पास मेरे,

किस जल्दबाजी में हो जाना जरुरी है क्या….

 

ये मोहब्बत का आगाज किधर जायेगा

दो दिन का नशा है फिर उतर जायेगा….

आज मीठी बातों से बेहला रहे हो हमे,

दौर ये प्यार का भी गुजर जायेगा




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