Ye Saal Gaya Hindi Poem by Abhash Jha – Happy New Year

Ye Saal Gaya Hindi Poem by Abhash Jha


Utho Ye Saal Gaya, Abhi To Aaya Tha Abhi Chala Gaya

Ajeeb-O-Gareeb Lamhen Dikha Kar Gaya

Par Khushi Is Baat Ki Hai Ki Bahut Kuch Sikha Kar Gaya

 

उठो ये साल गया…

अभी तो आया था अभी चला गया…

अजीब गरीब लम्हें दिखा कर गया…

पर ख़ुशी इस बात की है कि बहुत कुछ सिखा कर गया…

सपनो की उड़ान में हम पसीने पसीने हो गए…

चुप कर रोना चाहा पर सबूत में तकिये गीले हो गए…

आंखे बंद करके मैं कुछ लम्हें रिवाइंड करने लगा…

केवल दुःख की लिस्ट नहीं थी उसमे, ख़ुशी की वजह भी गिनने लगा…

नई नई चीजों से मिलाया है इसने…

कुछ अच्छा खासा एक्सपीरियंस भी दिलाया है इसने…

कुछ लोगों के भले ही साथ छूटे,

पर औरो से मेल कराया है इसने…

एक बार खुद की तरफ देखो…

आईने में खुद की तरफ देखो…

पहले से कितना बदल गए हो,

पहले से स्ट्रांग फील कर रहे हो ना ब्रो…

कुछ अधूरी ख्वाहिशें रह गयी,

या जो चाहते थे वो हासिल नहीं हो पाया है…

परेशान होने की बिलकुल जरुरत नहीं है,

आज से ये टेंशन वगैरह सब मोह माया है…

देखो, कुछ अधूरा छोड़ा है तो बहुत कुछ मुकम्मल भी करके गया है…

अगर तुम्हारी काफी ली है इसने तो रिटर्न में जरूर कुछ देकर गया है…

ये साल जब याद आएगा,

फिर बाद में अच्छा या बुरा नहीं कहलायेगा…

एक बहुत बड़ी चीज देकर जा रहा है,

एक्सपीरियंस - जो आने वाला हर साल दे जायेगा…

उठो ये साल गया…

अभी तो आया था अभी चला गया…

अजीब गरीब लम्हें दिखा कर गया…

पर ख़ुशी इस बात की है कि बहुत कुछ सिखा कर गया…

 

तुम्हें शायद पता है, तुम्हीं उसे पूरा नहीं करने वाले,

फिर भी Resolation रखते हो ना…




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