Main Kisano Ke Sath Hoon by Goonj Chand
Main Kisano Ke Sath Hoon…
Par Khalistan Ke Khilaaf Hoon…
मैं किसानों के साथ हूँ,
पर खालिस्तान के सख्त खिलाफ हूँ…
मैं उसका दर्द समझती हूँ जो जादूगर है मिट्टी का…
और उसकी नीयत का भी पता मुझे जो सौदागर है मिट्टी का…
हमको हरदम देने वाला आज हमसे है कुछ मांग रहा…
और खेतों की पगडण्डी छोड़ शहरों की खाक है छान रहा…
पर इन धरती के बेटों में कुछ देश के दुश्मन छुपे हुए…
हमें इनका भेद समझना है कुछ लोग है इनमे बिके हुए…
मिट्टी से निकलता है सोना, उस सोने की कीमत दे दो…
जो देश के भाग्य विधाता है, उनको उनकी किस्मत दे दो…
वो यूँ ही नहीं है सड़कों पर, यूँ छोड़ खेत खलियानो को…
जिस हक़ से उनको ख़ुशी मिले, वो दे दो किसानो को…
रखना ख्याल इस बात का तुम, गद्दार कोई ना आ जाये…
और हल लेकर के हाथो से, बन्दूक हाथ ना दे जाए…
ये देश तुम्हारी मिट्टी है कोई टुकड़े करने आएगा…
खंजर लेकर जेबों में वो दुखड़े सुनने आएगा…
हर किसान के दिल से आये जो, मैं उस आवाज के साथ हूँ…
जो देश द्रोह के नारे है, मैं उनके सख्त खिलाफ हूँ…
जी हाँ, मैं किसानों के साथ हूँ, पर खालिस्तान के सख्त खिलाफ हूँ…
सरकार से एक गुज़ारिश है, सुनलो बात किसानों की…
कीमत वो रखो जो बेहतर है, मिट्टी से निकले दानो की…
ये देश तभी बढ़ पायेगा, जब हर किसान मुस्कुराएगा…
रास्ता भारत की तरक्की का, खेतों से होकर जायेगा…
जब बात आयी किसानों की तो मैं सरसों का साग हूँ…
और जो तोड़े कोई देश मेरा तो मैं जंगल की आग हूँ…
जी हाँ, मैं किसानों के साथ हूँ, पर खालिस्तान के सख्त खिलाफ हूँ…
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