Bawala Se Ke Part 2 by Chetna Balhara

Bawala Se Ke Part 2 by Chetna Balhara


Bawala Se Ke Part 2 by Chetna Balhara

 

माना थोड़ा तू बावला है…

रंग का थोड़ा सांवला है…

प्यार प्रेम की बात तो सारे जने बतावे है…

कृष्ण का भी यो ही रंग था, दुनिया उसने चाहवे है…

मने पसंद है मन्ने नी दिक्कत, यो ही सबने बतावेगी…

कोई बोल जा तेरे ते उल्टा, लाडले मुँह तोड़ के आवेगी…

 

कद्दू बरगा मुँह तेरा, टिंडे जैसी शकल…

जितना भुण्डा मुँह तेरा, उतनी भुंडी अकल…

अर यु तो छोरी मेरा है, यहाँ बने ना काम तेरा,

होलिया, निकल…

 

वो कह है मेरे ते छोटी सी, मैं उसने भालू कह दूँ हूँ…

मन्ने रूसाके प्यार दिखावे, उसने चालू कह दूँ हूँ…

काला रंग पसंद है उसने, गौरा चिट्टा लागे है…

प्यार ते देऊं कुछ भी उसने, सबमे मीठा लागे है….

गुस्सा कोनी होती उसते, छोरा वो घना क्यूट स…

सुनाऊँ किसी भी बात ने उसते, होजा कतई म्यूट स…

उसका मेरा रिश्ता यो सच में घना प्यारा स…

अर के कहूं उसकी खात्तर मैं भी, वो तो सबते न्यारा स…

 

हमने ना चाहिए किसी के बाजे अर बैंड…

अर ना हम ऐसी चीज है अक हो जावे बैन…

अर दिल्ली के फोना में हरयाणवी चलती देखी है,

क्यों कर दिया ना सिस्टम हैंग…

 

ये कौन राह में बैठे है, मुस्कुराते है….

मुसाफिरों को गलत रास्ता बताते है…

तेरे लगाए हुए जख्म क्यों नहीं भरते,

मेरे लगाए हुए पेड़ सूख जाते है…

कोई तुम्हारा सफर पर गया तो पूँछेगे,

कि रेल गुजरे तो हम हाथ क्यों हिलाते है…

 

Inspired by Tehzeeb Hafi

 

ये कैसे लोग है रोता देख मुस्कुराते है…

जो कल तक अपने थे आज उन्हें गैर बताते है…

फ़रेबियत से भर गयी है दुनिया सारी,

सही को गलत, गलत को सही बताते है…

 

अच्छा मोहब्बत हो गयी है…

अच्छा हमसे हो गयी है…

अच्छा ज़िन्दगी लेनी है हमारी,

हम बुरे है यार तुम्हे नहीं मिल सकते,

अच्छा बात सुनो, पसंद बुरी नहीं तुम्हारी…

 



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