Suno Tum Ab To Khush Ho Na by Badel Sharma
एक पलड़े में तू और एक में बाकी सारे तौल दिए…
मैंने गलती ये कर दी कि सारे पत्ते खोल दिए…
बात हुयी थी आँखों से आँखों में रूहें मिलने की,
तूने फिर क्यों राज़ रखे जब मैंने सारे बोल दिए…
सुनो तुम अब तो खुश हो ना, सुनो तुम सो तो जाती हो…
तुम्हे और काम नही है मेरे सपनो में आती हो…
वो जो तुम्हारी लिखी गजले थी, किसको सुनाती हो…
मै अब सो नही पाता, तुम किसको सुलाती हो…
सुना खुबसूरत और ज्यादा हो गयी हो…
ये नूरे हुस्न के पीछे, युँ गम को क्यो छिपाती हो…
क्या अब भी माँ को बैठा कर मेरी बाते बताती हो…
क्या अब भी देखती हो चाँद को तुम छत पे जाती हो…
क्या अब भी धूप से बचती हो तुम चेहरा छुपाती हो…
क्या अब भी होती हो बीमार जब बाहर का खाती हो….
क्या अब भी हर दीवाली घर मे रंगोली बनाती हो…
अब तुम होली पर खुद को किसके लिये बचाती हो…
तु मुझे कोशिशो मे भुलने की याद आती हो…
क्या तुम भी दिल की मनमर्जी के आगे हार जाती हो…
सुनो तुम अब तो खुश हो ना, सुनो तुम सो तो जाती है…
तुम्हे और काम नही है मेरे सपनो में आती हो…
क्या अब भी साल पूरे गर्म पानी से नहाती हो….
है मेरा नाम क्या बादल या जैसे तुम बुलाती हो…
और अपना याद है वो नाम जो मैने रखा था…
कोई गल्ती से भी बोले तो क्या तुम चौक जाती हो…
कोई पूछे मेरे बारे में तो फिर क्या बताती हो…
कहानी केहती हो पूरी या के बस चुप हो जाती हो…
निभाना ना पाई वो जो आखिरी वादा बताती हो…
क्या अब भी मुझको तुम हिस्सा अपना आधा बताती हो…
सुनो तुम सो तो जाती हो, मेरे सपनो में आती हो…
या मुझसी करवटें लेकर गुजारा करती जाती हो…
सुनॉ गर नींद ना आये, तो आँखे बंद कर लेना…
अगर वो भी ना हो पाये, तो सांसे मंद कर लेना….
सौ तक गिनती केह जाना, जरा सा दूर तक रेह जाना…
जो होगा दर्द सेह जाना, ना बेहकावे में बेह जाना…
तुम मेरे पास मत आना, तुमसे दूरियाँ ही ठीक है…
हर बार मेरे पास आकर फिर रुलाती हो…
जब तुम दूर जाती हो, सुनो तुम सो तो जाती हो…
एक रोज बदलती माशूका से, इशक किया था पागल ने…
अब रोज बदलती है माशूका, दौर बदल दिया बादल ने…
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