Kya Aadmi Tha by Pallavi Mahajan

Kya Aadmi Tha by Pallavi Mahajan


Kya Aadmi Tha by Pallavi Mahajan

 

कई बार देखा वो चुप ही था रहता…

नहि कुछ भी कहता…

वो क्या आदमी था…

ना आखो मे आँसु,

ना कोई गिला था…

क्या सच मे नही था…

वो क्या आदमी था…

 

उसे जो भी बोला वो सुनता रहा…

क्या दिल मे था उसके कभी ना कहा…

वो रोता नही था…

ना खुश था यकी था…

मैने चिल्ला के पूछा,

कि क्या आदमी था…

 

तो सबने बताया वो रोते नही है…

लगता है गम उनको होते नही है…

तो सबने बताया वो रोते नही है…

लगता है गम उनको होते नही है…

वो सब सुन रहता था तो केहने लगा,

ऐसा नही है कि गम ही नही है…

बचपन से बस ये सिखाया गया है,

कि लडके यहा रोते नही है…

बचपन गया मै जवां हो गया…

मैने चाहा बहुत पर मै ना रो सका…

तो अंदर ही रखकर के जीता हु अब…

गम हो गिला हो या जो कुछ हो सब…

आँसू बहा दू, दिल का सुना दू…

डरता हू गर अपना डर भी दिखा दू…

हो जाये ऐसा तो कितना हँसी है…

मेरी बदनसीबी ये मुमकिन नही है…

 

भरा हु मै अंदर बाहर से सूखा…

पत्थर कहो तुम, कहो चाहे झूठा…

भरा हु मै अंदर बाहर से हु सूखा…

पत्थर कहो तुम, कहो चाहे झूठा…

मेरा सच वही है जो मै केह रहा हू…

मै ठेहरा हुआ हुमगर बह रहा हू…

 

तुम बोलोगे ऐसा तो मुमकिन नही है…

तुम बोलोगे ऐसा तो मुमकिन नही है…

तुमने बाबा की आखे भी देखी नही है….

या देखा अगर है तो समझा नही है…

या समझा यही है उन्हे गम नही है…

खैर छोडो ना कुछ तुम समझ पाओगे…

उसको सुनने जो बैठोगे थक जाओगे…

यू जिद ना करो, करके क्या पाओगे…

मै रोया अगर, देखो डर जाओगे…

किसी को डराने का मन ही नही है…

चलो मानता हु गम ही नही है…

मैने कुछ ना कहा…

क्या ही केहती भला…

जिद भि ना कर सकी,

कैसे करती यहा…

मैने कुछ ना कहा…

क्या ही केहती भला…

जिद भि ना कर सकी,

कैसे करती यहा…

वो केहता रहा मैने रोका नही…

वो रोने लगा मैने टोका नही….

वो सच ही था उसने जो मुझसे कहा था…

मै डर गयी जब वो आसू गिरा था…

बरसो तलक देखो अंदर रहा जो,

टटोला गया ऐसे बेहने लगा था…

रोके फिर जब हसा…

चेहरा कितना खिला था…

बरसो तलक देखो अंदर रहा जो,

टटोला गया ऐसे बेहने लगा था…

रोके फिर जब हसा…

चेहरा कितना खिला था…

मै क्या ही बताऊ,

वो क्या आदमी था…

 

कई बार देखा वो चुप ही था रहता…

नही कुछ भी कहता…

वो क्या आदमी था…

ना आखो मे आसु,

ना कोई गिला था…

क्या सच मे नही था…

वो क्या आदमी था…




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