Ab Gham Nahi Hota Tere Jane Ka by Manhar Seth
अब जो तुम चले गये हो गम नही होता तुम्हारे जाने का
सोचा था तुम्हारे जाने के बाद खुद को संभाल नही पाऊंगा…
सोचा था तुम्हारे जाने के बाद मर मै जाऊंगा…
तुमने हमे इतनी बेरहमी से जो छोड़ा था…
अपने पत्थर जैसे दिल से हमारे शीशे जैसी मोहब्बत को तोड़ा था…
सोचा था कि हँसना भूल जाऊंगा,
और नही होगा कोई कारण मुस्कुराने का…
पर अब जब तुम चले गये हो,
पर अब जो तुम चले गये हो गम नही होता तुम्हारे जाने का…
उनकी मजबूरियाँ थी या फिर बेबफाई थी,
बस इन्ही सब चीजो का बहाना हो गया…
उनसे बात करे उन्हे गले लगाये उन्हे चूमे मानो एक जमाना हो गया…
पर उनकी याद अब आती नही है, अब ये किस्सा पुराना हो गया…
आज देख जानेमन,तेरा मन्हर किसी और के लिये दिवाना हो गया…
आशिक से शायर बनाया और दे दिया हुनर महफिलो मे शायरी सुनाने का…
अब जो तुम चले गये हो गम नही होता तुम्हारे जाने का…
तेरे online आने का इंतजार नही किया करते है…
अब I love
you तो सिरफ माँ को बोला करते है…
अब तुझसे बात करने के लिये पूरे दिन फोन को चार्ज नही करते है…
अब अपनी पाँकेट मनी से तेरा मोबाइल नंबर रिचार्ज नही करते है…
तुमसे बिछड़ गये हम और मिल गया कारण और लड़कियो को फँसाने का…
अब जो तुम चले गये हो गम नही होता तुम्हारे जाने का…
फिर तुम्हारे जाने के बाद हम किसी और से मिले…
वो मुरझाये हुये फूल फिर से खिले,
उसे पहली बार देखा था तो लगा एक सपना सा था…
किसी पराये में मानो कोई अपना सा था…
क्योकि उस लाल रंग में तुम जैसा कोई और लग नही सकता था…
वो झुमका किसी और पे इतना अच्छा सज नही सकता था…
वो जुल्फे उसके गालो पर इतना इतरा रही थी…
वो इतनी खुबसूरत थी कि खुबसूरती भी उससे शर्मा रही थी…
अब मिल गया था एक कारण तुम्हारे उन पुराने खतो को खुशबू समेत जलाने का…
अब जो तुम चले गये हो गम नही होता तुम्हारे जाने का…
उसे याद होगा वो कहा करती थी ये इश्क मे क्या रखा है…
आज देखो ना किसी रांझे ने उसे हीर बना रखा है…
क्योकि इस कहानी का आगाज तो होता है,अंजाम नही होता…
मेरी इस कहानी मे बस इक उसका और बस इक उसका नाम नही होता…
मोहब्बत मे थे तो मोहब्बत निभा लेते थे,
पर हमसे अब मोहब्बत जैसा काम नही होता…
आज मै पूरे जमाने को पसंद हुँ और हँस रहा हुँ…
अब इस कारण मिल गया होगा उसको कोई कारण उसको आँसू बहाने का…
अब जो तुम चले गये हो गम नही होता तुम्हारे जाने का…
अब ना तेरे आने की खुशी रही ना तेरे जाने का गम…
वो जमाना बीत गया जब तेरे दीवाने थे हम…
अब तु मेरी शायरी अपने बच्चो को सुनायेगी…
और शायरी सुन कर बहुत पछतायेगी…
उन्हे ये कहेगी कि अगर मुझसे ना होता ये स्यापा….
तो एक शायर होते बच्चो तुम्हारे पापा…
पर अब नही है कुछ फायदा तुझे कुछ समझाने का…
क्योकि अब गम तुझे होगा मेरे जाने का…
अब जो तुम चले गये हो गम नही होता तुम्हारे जाने का….
Comments
Post a Comment
Thank You for Your Comment