Aajkal Kahan Pehle Jaisa Pyar Hota Hai by Pooja Sonawane
दर बदर भटकते इस दिल को धड़कने का बहाना मिल गया…
जिंदगी में आते ही तुम्हारे, ज़िंदा लाश सी मेरी जिंदगी को जीने का सहारा मिल गया…
कुछ बातें लफ़्ज़ों की मोहताज़ नहीं होती…
इश्क़ करने के लिए बस मुलाकाते ही काफी नहीं होती…
खुशनसीब होते है सच्ची मोहब्बत को पाने वाले,
वरना हर किसी की मोहब्बत सात फेरों तक मुकम्मल नहीं होती…
हाय बाय से शुरू हुआ ये सफर, आई लव यू और फिर आई हेट यू पे जाके खत्म होता है…
DP बदलने से लेकर डप रिमूव होने तक, ऑनलाइन ही प्यार का द एन्ड हो जाता है…
आजकल कहाँ पहले जैसा प्यार होता है…
एक दूसरे को महंगे सप्राइज़ देना ही यहाँ एक दूसरे को खुश रखना समझा जाता है…
सामने वाले के करैक्टर से ज्यादा, उसका ऑनलाइन प्रोफाइल कितना अच्छा है या बुरा,
ये यहाँ देखा जाता है…
आजकल कहाँ पहले जैसा प्यार होता है…
यहाँ भरोसा भी ठीक उन गीले कपड़ों की तरह ज़िन्दगी की रस्सी पर टंगा हुआ रहता है…
जरा सी तू तू मैं मैं से, एक दूसरे के चरित्र पर सवाल उठाया जाता है…
आजकल कहाँ पहले जैसा प्यार होता है…
पुराना प्यार अब तो किताबों से शुरू और किताबों पे ही खतम हो जाता है…
साथ फेरों तक यहाँ किसका इश्क़ मुकम्मल हो पाता है…
आजकल कहाँ पहले जैसा प्यार होता है…
दूर रहके भी चिट्ठियों में सबकुछ कह दे, ये एहसास कितना खूबसूरत होता है…
जो सिर्फ तुम्हारी आंखे देख तुम्हारे लबों की बात जान ले,
जिसके बस होने का एहसास ही तुम्हारे दिन को मुकम्मल कर दे,
तुम्हारे चेहरे की उस शर्मीली मुस्कराहट में जो खुद को ढूंढे,
आज कल ये तो बस फिल्मों में ही होता है…
आजकल कहाँ पहले जैसा प्यार होता है…
दो चार दिनों के इस प्यार में ही जो नहीं होना चाहिए वो सब कुछ हो जाता है…
और फिर वक़्त बीत जाने पर इन्हे अपनी गलती का एहसास होता है…
और फिर से वही रोना धोना बाबू शोना होता है…
आजकल कहाँ पहले जैसा प्यार होता है…
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