Beto Ko Sikhaiye By Lovely Sharma

Beto Ko Sikhaiye By Lovely Sharma


Beto Ko Sikhaiye By Lovely Sharma

 

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, ये ठीक है…

लेकिन क्या ये काफी है…

देर रात तक घर से बाहर रहना नहीं….

ऊँची आवाज में कुछ कहना नहीं…

बगावत करने से सिर्फ शिकस्त ही मिलेगी…

समझो कुछ बातों को है सहना ही सही…

ये नसीहत, ये बातें बेशक बताइये…

जरुरी है कि सबसे पहले बेटों को सिखाईये…

सिखाईये, बदतमीजी, बदसुलूकी, करे हरगिज नहीं…

महज जिस्म ना समझे, लड़कियां इंसान है कोई चीज नहीं…

समझाइये कि ना वो खुदा है और ना फरिश्तों के नजदीक है…

फरमान देकर ना मान ले कि सही है और सब ठीक है…

जिसे चाहो हासिल होगा, ऐसा खवाब ना देखे…

इंकार को मर्जी समझकर सम्बल जाए, फिर तेज़ाब ना फेंके…

नई दुल्हन घर में खुशियां लाये, आँसू और दहेज़ नहीं…

वो जान ले कि औरत की जगह सिर्फ घर की रसोई और सेज नहीं…

बेटो को समझाइये कि जरुरी नहीं वो हर बार सवाल बन जाए…

वो हौंसला बने बेटियों का और उनकी ढाल बन जाए…

जहाँ सब बराबर है उन्हें ऐसी दुनिया दिखाईये…

बेटियों को सब सब पता है पहले बेटों को समझाइये…

जब ये सीख समझकर नई नसल बड़ी होगी…

बेटों की फ़ौज तब बेटियों के लिए खड़ी होगी…

तब साडी नाइंसाफी से वो खुद ही जाकर उलझेंगे…

तब बेटियों के दर्द का मतलब मर्द सारे समझेंगे…

तब बेटियां बेख़ौफ़ होगी, मजरूम बेबस नहीं…

बेटों की आँखों में सम्मान होगा, जिद और हवस नहीं…

माना कि नए दौर के ख्यालों में भी ढलना होगा…

नजर बदल जाएगी यकीनन, नजरियां बदलना होगा…

तब शायद किसी हादसे पे करने के लिए महज अफ़सोस ना हो…

किसी बाप के लिए बेटी पहले दिन से बोझ ना हो…

अब हमेशा के लिए गुनाहो को अखबारों से मिटाईये…

सारी नसीहत सिर्फ बेटियों के लिए, बेटों को भी सिखाईये…




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