Tumhe Mere Baad Bhi Meri Jaisi Chahiye by Chetna Balhara
अपनों से आज कोई रूठकर आया है…
देखो इस महफ़िल को, शायद आज फिर कोई आशिक टूटकर आया है…
तेरे साथ रहके मन्ने बेरा लागा है अक तेरी सोच कैसी है…
अर जो तू ये बात बात पे नू कह दे है ना अक तेरे जैसी तो मैं और ले आऊं,
बेटे तन्ने लानी मेरे जैसी है…
दिल को थोड़ा आराम आने लगा है…
अब जिक्र तेरा सरेआम आने लगा है…
घरवाले शक करने लगे है कि माजरा क्या है,
अब नींद में भी तेरा नाम आने लगा है…
अच्छा इलज़ाम लगाया अपनी बेवफाई का,
चलिए ये मुद्दा भी सुलझाया जायेगा…
अपने शहर को तो गवाह बना दिया है आपने,
अब वफ़ा के किससे हमारा मोहल्ला सुनाएगा…
मोहब्बत अपने आप में एक ज़ालिम सरकार है…
फरेब लोगो के हाथ में सच्चे लोगो की पगार है…
और तरस ना खाओ ज़ालिमों हमे नुक्सान पहुँचाने में,
हम वो लोग है जिन्हे दर्द का खुमार है…
आज जो फ़िक्र मेरी कर रहे हो शायद दो दिनों का प्यार है…
और गुलदस्तों का शौंक नहीं जो हमे थमा रहे हो,
हम जानते है मियां सारे फूल कांटेदार है…
सच्ची मोहब्बत सच्चे आशिकों के कभी पास नहीं आती है…
सो जाया करती थी अक्सर जल्दी मैं, अब वो नींद ना जाने कहाँ उड़ जाती है…
और निकल आते है आँसू आज भी उसे याद करके यारों,
और यकीन मानो आसुओं के साथ नींद बड़ी गजब आती है…
ये इंडिया है जनाब,
यहाँ लड़कियों को ढक के रहना पड़ता है,
नहीं तो क्या पता रेप हो जाए…
यहाँ लड़कियों को घर के अंदर रहना पड़ता है,.
नहीं तो क्या पता रेप हो जाये…
अब छोटे बच्चों को सूट सलवार ना पहनाये तो क्या करे साहिब,
स्कर्ट पहना दी तो क्या पता रेप हो जाये…
किसी आदमी से ऊँची आवाज में बात कर दी,
तो क्या पता रेप हो जाये…
नौ साल की बच्ची के साथ, आठ साल की आशिफ़ा के साथ,
उस बेक़सूर निर्भया के साथ, हैदराबाद की डॉक्टर प्रियंका रेड्डी के साथ रेप हो गया
पर क्या फर्क पड़ता है…
ना तुम्हारी बहन थी ना तुम्हारी बेटी,
बस भाषण देते फिरते है अबकी बार ये दोबारा ना हो जाये…
ऐ सरकार करके देख रेप की सजा को सजा ऐ मौत,
क्या पता बलात्कार बंद हो जाये…
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