Meri Nafrat Dekhkar Meri Mohabbat Ka Andaza Lagaya Karo by Goonj Chand

Meri Nafrat Dekhkar Meri Mohabbat Ka Andaza Lagaya Karo by Goonj Chand


Meri Nafrat Dekhkar Meri Mohabbat Ka Andaza Lagaya Karo by Goonj Chand

 

मुझे मिलना है ऐसे मोहब्बत से,

जो अपने लबो की हसी किसी और पे क़ुर्बान करता हो…

और छुप छुप के मोहब्बत तो बहोत लोग करते है,

कोई तो हो ऐसा जो इश्क़ सरे आम करता हो…

 

मेरी नफरत देख कर मेरी मोहब्बत का अंदाज़ा लगाया करो,

जब नफरत में इतनी वफ़ा है तो मोहब्बत क्या कमाल की रही होगी…

और वो आज भी मशहूर है अपने शहर में मेरे नाम से,

ज़रा सोचो हमारे प्यार की कहानी क्या बवाल सी रही होगी


वो दुखा के दिल मेरा बड़े प्यार से मुझे मनाता है…

करके जज़्बाती मेरे एमोशन से भी खेल जता है…

और सुना है वो आज कल तुमसे प्यार करता है,

हाय मतलब मेरी तरह तुम्हे भी पागल बना जता है…

 

नफरत सी हो गई है मोहब्बत से अब,

किसी पे भरोसा अब होता ही नहीं…

और तुम्हे क्या लगता है वो वापस आएगा,

अगर उसे आना होता तो वो जता ही नहीं…

 



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