Mere Gaon Ke School Ki Mohabbat by Goonj Chand

Mere Gaon Ke School Ki Mohabbat by Goonj Chand


Mere Gaon Ke School Ki Mohabbat by Goonj Chand

 

मुझे देख वो कभी शर्म से झुका लेती थी नजरे,

आज वो सामने से आकर मुझे गले लगाया करती है…

औऱ जी हाँ, मेरे गांव की स्कूल की मोहब्बत,

अब शहर के कॉलेज जाया करती है…

 

जो अक्सर फेंक देती थी सिगरेट मेरे हाथों से लेकर,

जो लड़की फेंक देती थी अक्सर सिगरेट मेरे हाथों से लेकर,

आज वो लड़कों के साथ बैठकर सुट्टा लगाया करती है…

औऱ जी हाँ, मेरे गांव की स्कूल की मोहब्बत,

अब शहर के कॉलेज जाया करती है…

 

और जो कभी कसमें देती मुझे दारू के नाम पर,

और जो कभी कसमें भी देती थी मुझे दारू के नाम पर,

आज वो दोस्ती के नाम पर पेग लगाया करती है…

औऱ जी हाँ, मेरे गांव की स्कूल की मोहब्बत,

अब शहर के कॉलेज जाया करती है…

 

जो खुद कभी सफेद सूट पर लाल दुपट्टे से सादगी बिखेरा करती थी…

जो लड़की कभी सफेद सूट पर लाल दुपट्टे से सादगी बिखेरा करती थी…

आज वो सूट पहनने वाली लड़कियों को गंवार बताया करती है…

औऱ जी हाँ, मेरे गांव की स्कूल की मोहब्बत,

अब शहर के कॉलेज जाया करती है…

 

और जिसके लिये कभी सबसे ऊपर थी उसके घरवालों की ईज़्ज़त,

वो लड़की आज अपने माँ-बाप से जबां लड़ाया करती है…

औऱ जी हाँ, मेरे गांव की स्कूल की मोहब्बत,

अब शहर के कॉलेज जाया करती है…

 

और कभी गांव के कुए से पानी पिया करती थी वो,

और आज घर आते ही बिसलरी की बोटल मंगाया करती है…

और बड़ा प्यार था उसे कभी अपनी गांव की मिट्टी से,.

जो हर बात पर शहर की फैसेलिटी गिनाया करती है…

औऱ जी हाँ, मेरे गांव की स्कूल की मोहब्बत,

अब शहर के कॉलेज जाया करती है…

 

मुझे छोड़ने के ख्याल से भी डर जाती थी वो…

की मुझे छोड़ने के ख्याल से भी डर जाया करती थी वो…

जो आज मुझे सिर्फ अपना एक अच्छा दोस्त बताया करती है…

और अब नही रही वो मेरे गांव की पुरानी सी लड़की,

वो तो अपने अन्दर एक चलता फिरता शहर दिखाया करती है…

औऱ जी हाँ, मेरे गांव की स्कूल की मोहब्बत,

अब शहर के कॉलेज जाया करती है…

 

मुझे देख वो कभी शर्म से झुका लेती थी नजरे,

आज वो सामने से आकर मुझे गले लगाया करती है…

औऱ जी हाँ, मेरे गांव की स्कूल की मोहब्बत,

अब शहर के कॉलेज जाया करती है…

 



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