Yaar Usne Mujhe Bahut Rulaya By Kanha Kamboj
तू जरूरी है हर जरूरत को आजमाने के बाद…
तू चलाना मर्जी अपनी मेरे मर जाने के बाद…
है सितम ये भी कि हम उसे चाहते हैं,
वो भी इतना सितम ढाने के बाद…
हो इजाजत तो तुझे छूकर देखूं,
सुना है मरते नहीं तुझे हाथ लगाने के बाद…
वो रास्ते में मिली तो मुस्कुरा दिया देखकर,
बहुत रोया मगर घर जाने के बाद…
है तौहीन मेरी जो तुम कर रही हो,
आवाज उठाई नहीं जाती सर झुकाने के बाद…
कितनी पागल है मुझे मेरे नाम से पुकार लिया,
मुझे पहचानने से मुकर जाने के बाद…
मुझसे मिलने आओगी ये वादा करो,
मुलाकात रकीब से हो जाने के बाद…
वैसे हो बड़े बदतमीज तुम कान्हा,
किसी ने कहा अपनी हद से गुजर जाने के बाद…
तेरी हर हकीकत से रूबरू हो गया हूं मैं,
ये पर्दा किस बात का कर रही हैं…
एक मैं हूं आंखों से आंसू नहीं रुक रहे,
एक तू है कि हंस के बात कर रही है…
लहजे में मुआफ़ी, आँखों में शर्म तक नहीं,
ये एक्टिंग का कोर्स तू लाजवाब कर रही है…
सारी रात उसे छूने से डरता रहा…
मैं बेबस, बेचैन बस करवटें बदलता रहा…
हाथ तो मेरा ही था उसके हाथ में…
बस बात ये है कि जिक्र किसी और करता रहा…
गिरा ले मुझे अपनी नजरों से कितना ही,
झुकने पर तो मजबूर मैं तुझे भी कर दूंगा…
एक बार बदनाम करके तो देख मुझे महफ़िल में,
कसम से शहर में मशहूर मैं तुझे भी कर दूंगा…
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