Meri Maa Ne Mujhe Zimmedar Banaya Hai by Goonj Chand
Kabhi Pyar se Samjhaya to Kabhi Danda Uthaya Hai…
Nasamajh Bacchi Thi Main, Mujhe Meri Maa Ne Samjahdar Banaya Hai…
कभी प्यार से समझाया तो कभी डंडा उठाया है…
नासमझ बच्ची थी मैं, मुझे मेरी माँ ने समझदार बनाया है…
हर छोटे बड़े फैसलों में हमेशा मेरा साथ दिया…
और गलतियों पे हमेशा प्यार से ही समझाया है….
नासमझ बच्ची थी मैं, मुझे मेरी माँ ने समझदार बनाया है…
मेरे सपनो को पूरा करने का हौंसला दिया…
और हमेसा आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया है…
नासमझ बच्ची थी मैं, मुझे मेरी माँ ने समझदार बनाया है…
लड़की होने का हर फ़र्ज़ बताया…
और लड़कों से सामना करना सिखाया है…
नासमझ बच्ची थी मैं, मुझे मेरी माँ ने समझदार बनाया है…
सबको साथ में लेकर चलना भी उन्होंने ही बताया…
और कमरे को घर बनाना भी सिखाया है…
नासमझ बच्ची थी मैं, मुझे मेरी माँ ने समझदार बनाया है…
कभी प्यार से समझाया तो कभी डंडा उठाया है…
नासमझ बच्ची थी मैं, मुझे मेरी माँ ने समझदार बनाया है…
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