Aaj Maine Maut Likhi Hai By Lovely Sharma
दुनिया की
भीड़
में
तन्हा
कदम
मिलेंगे..
कुछ साथ
चलेंगे,
कुछ
पीछे
छोड़
बढ़ेंगे..
हज़ारो कंधे
मिलेंगे
तुझे
पूरी
ज़िन्दगी
में,
पर साथ
अंत
में
सिर्फ
चार
रहेंगे..
आज तू
इसके
भरोसे
बैठा
है,
कल किसी
और
पे
होगा..
हर कदम
पे
गिड़गिड़ायेगा,
देख ले
ऐसा
ज़रूर
होगा..
आज अगर
तू
खुश
ना
हो
पाया,
आगे क्या
अंदाजा
है..
तेरी हस्ती
बस
इतनी
है,
आज जन्म
तो
कल
जनाज़ा
है..
मैं नहीं
कहता
दुनिया
से
वास्ता
छोड़
दे,
रिश्तो की
दुहाई
दे
वो
धागा
तोड़
दे..
आरज़ू तो
बस
इतनी
है
तुझसे,
की तू
खुद
के
लिए
जीना
सीख
ले..
आसमान मैंने
दिया
है
तू
पंख
फैलाना
सीख
ले..
बहुत ज़्यादा
बोलू
मैं
ये
मेरी
औकात
नहीं
है..
मेरी बातो
में
झूठे
जज़्बात
नहीं
है..
दिल और
दिमाग
आज
भले
ही
साथ
ना
चले,
पर इनको
एक
राह
पर
लाना
तू
खुद
से
सीख
ले..
पल में
रोना,
पल
में
हँसना
बहुत होगा तेरी ज़िन्दगी
में..
दिल के
दरियाँ
को
संभालना
तू
पतवार
से
सीख
ले..
आसमान मैंने
दिया
है
तू
पंख
फैलाना
सीख
ले..
आज कलम
उठी
है
तो
स्याही
पन्ने
पर
छिड़क
देंगे..
लिखेंगे थोड़ा
ही
पर
हर
लफ्ज़
में
तेरा
हिसाब
कर
देंगे..
जिन अपनों
की
तू
प्रीत
निभाता
है
वही
आएंगे
तेरे
जनाज़े
में..
तेरा दिन
तेरी
मौत
के
नाम,
आंसू
होंगे
ज़माने
के..
तेरे हँसना,
तेरा
रोना
सब
वक़्त
गिना
देंगे..
कर्म तेरे
आज
का
कल
तुझे
फ़कीरा
बना
देंगे..
दो चन्दन
की
लकड़ी
और
एक
बूँद
घी
होगा..
आग की
लपटे
होंगी
ऊँची
जिसमे
स्वाहा
कल
को
तू
होगा..
आगे तू
कहेगा
मैंने
आज
मौत
लिखी
है..
पर सच
कहु
तो
यारा
मैंने
ज़िन्दगी
जा
लिखी
है..
भटके हुए
मुसाफिर
का
बसेरा
बन
गया..
मेरी अँधेरी
रातो
का
तू
सवेरा
बन
गया..
मेरी ज़िन्दगी
में
आया
है
तू
कुछ
इस
तरह,
जैसे कब्र
में
पड़ी
लाश
को
सांसो
का
सहारा
मिल
गया..
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