Bich Safar Mein Kyu Sath Chod Gaye by Aarav Singh and Goonj Chand
गूँज:
साथ देने का वादा कर साथ छोड़ दिया तुमने…
दिल लगा के मुझसे मेरा दिल तोड़ दिया तुमने…
और सफर में साथ साथ चलने की कसमे भी खाई थी,
फिर अचानक कियूं इस सफर में ही साथ छोड़ दिया तुमने…
आरव:
चाहत थी की तेरे साथ सारी ज़िन्दगी बिताऊ…
तुझसे कहे अनकहे अपने सारे वादों को निभाऊं…
और चाहता तो था तुझे हरचीज़ से वाकिफ़ कराना,
पर वक़्त ने इतना मौका ही नहीं दिया की में तुझे कुछ बता पाऊं…
गूँज:
जानती हूँ वक़्त ने वक़्त बदल दिया मेरा…
जिस्म से मेरे दिल निकाल दिया मेरा…
और अब इतनी ही आरज़ू है मेरी उस रब से मेरे,
के लौटा दे तुझे या ख़त्म ही करदे वज़ूद मेरा…
आरव:
माना बोहोत दूर गया हूँ तुझसे पर,
फिर भी हर वक़्त तेरे पास हूँ…
जनता हूँ खुश नहीं है तू मेरे बिना,
पर में भी तेरे बिन उतना ही उदास हूँ…
गूँज:
जिस्म ख़त्म हुआ है प्यार नहीं…
रूह वाला प्यार है ये व्यापार नहीं…
आ रही हूँ में बस तुम थोड़ा सब्र रखना,
अब इस दुनिया में मेरा भी कुछ काम नहीं…
आरव:
चाहता हूँ तुझे पास अपने,
पर तेरा अभी भी बहोत बाकि है इस संसार में…
अपना क्या है कुछ वक़्त गुज़रा था तेरे प्यार में,
बाकि का काट लेंगे अब तेरे इंतज़ार में…
गूँज:
इंतज़ार भी करना होता तो क़र लेती मैं…
उम्मीद भी बची होती तो जी लेती मैं…
पर तुम्हारे पास आने का कोई और रास्ता नहीं है,
खो गए होते तो ढूंढ लेती मैं…
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