Ab Teri Yaad Nahi Aayegi by Ankur Lodhi

Ab Teri Yaad Nahi Aayegi by Ankur Lodhi


Ab Teri Yaad Nahi Aayegi by Ankur Lodhi

 

तेरी मोहब्बत मे मैने सब जाना है

तेरी हर बात को बिना कुछ कहे माना है…

मन तो मेरा भी है तेरे करीब रेहने का,

मगर मेरी माँ इंतजार कर रही होगी मुझे घर जाना है…

 

उसकी हर हरकत पर नजर है…

अखबार की क्या जरूरत वो तो खुद एक खबर है…

इस पर क्या लडना कोन गलत कौन सही,

हर एक की अपनी इक नजर है…

 

बोहोत कर लिया इंतजार तेराअब तो सब्र भी थक गया है…

अब तेरी याद नही आयेगीक्योकि ये दिल कही ओर लग गया है…

 

जो खुली आँखो से ना दिखा, वो बंद आँखो से देखा है….

उसकी नफरत में भी मैने प्यार देखा है…

उसकी खुबसूरती भला बयां करु भी तो कैसे,

जनाब मैने दिन में भी चाँद देखा है…

 

मुझे वो पसंद थी, करीब उसके बेखूब गया…

समंदर में तैरना सीखा था मैने, मगर उसकी आँखो में डूब गया…

 

प्यार ढूढता है तु जहाँ मे, प्यार तो तेरी सोहबत में है….

कभी वक्त बिता माँ बाप के साथ,तु घर मे नही जन्नत में है…

चाहे जितना वक्त दे दे उस आशिकी को मगर,

इस प्यार से ज्यादा ताकत कहाँ उस मोहब्बत में है…

 

लब्ज मेरे है मगर बात उसकी आई है…

दर्द में वो है और आँख मेरी भर आई है…

उसकी बातें तो मै समझ नही पाता,

मगर उसकी खामोशियाँ बराबर समझ आई है…

 

बादल गरज उठे है,लगता है कयामत आने वाली है….

बडे जोर से प्यार की बरसात आने वाली है…

वो जो इश्क के खिलाफ रेहते है वो दरवाजा बंद रखे,

उनेके भी घर बाढ आने वाली है…

 

उसे मै समझाने लग गया…

ये मेरा दिल किधर लग गया…

आखे खोल कर सोता था मै,

शायद इसीलिए मुझे चशमा लग गया…

जरूर उस ने ही पानी दिया होगा…

जो बंजर जमीं पर भी पेड लग गया…

आज जल्दी उठने की तैयारी में था मै,.

पर कमबख्त फिर से उसके सपने में लग गया…

ये दिवारे तेरी यादो को दिखाती है,

कही इन दीवारो को सब कुछ पता तो नही लग गया…

जिक्र तो तेरा ही है इन गजलो में,

पर लगता है शायद तुम्हारा दिल कहीं ओर लग गया…

 

फल तो मीठे है तुम्हारे, बाड तो तुम लगा लोगे…

पर आसमान तो खुला है, मेरे दोस्त परिंदो से कैसे बचा लोगे…

 

जमी तो खरीद ली है मगर आसमां कैसे खरीदोगे…

हुस्न बेचने वाले कई है बाजार मे पर प्यार कैसे खरीदोगे…

 

कुछ अपने क्या मिले, वो अपनो को भूल गये…

राहे फूलो से हम सजाये बैठे थे, मगर वो किसी ओर को कबूल गये…




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