Ishq Kya Hai by Goonj Chand and Aarav Singh Negi
आरव:
मोहब्बत में सुकून है, नशा है, बेकरारी है…
इसमें तेरा मेरा कुछ नहीं,
ये तो दो दिलो की हिस्सेदरी है…
गूँज:
मोहब्बत में धोका है, दगा है, बेवफाई है…
इतहास हो गए वो लोग,
जिन्होंने सच्चे दिल से मोहब्बत निभाई है…
आरव:
कल का सोच कर तू कल को न खरब कर…
बहोत मोहब्बत करने वाले है,
यहां तू किसी पे तो एतबार कर…
कुछ लोगो की वजह से हो जाती है मोहब्बत रुस्वा,
तू हर प्यार करने वाले को एक कश्ती पे न सवार कर….
गूँज:
मोहब्बत में न कल होता है न आज होता है…
मोहब्बत करने वाला तो बस बदनाम होता है…
और ये जो तुम सच्ची मोहब्बत की बाते कर रहे हो न,
तो बता दू की सच्ची मोहब्बत का जनाज़ा ही सरे आम होता है…
आरव:
मोहब्बत में अगर बदनामी है…
तो उसकी भी अपनी कहानी है…
मोहब्बत में जिसका जनाज़ा,
उठा उसका चर्चा हर ज़बानी है…
किसी ने बना दिया ताज महल…
तो किसी ने कर दी लंका दहन…
ज़रा नज़र उठा के देखिये मोहतर्मा,
सच्ची मोहब्बत की कितनी निशानी है…
गूँज:
कहानी तो बस कहानी होती है…
मस्तानी भी यहां दीवानी होती है…
और कोई कसूर तो बताओ मुझे,
कशीबाई का कियूं अपने ही घर में वो बेगानी होती है…
आरव:
इश्क़ पूजा है
गूँज: इश्क़ धोका है
आरव: इश्क़ सुकून है
गूँज: इश्क़ मेहरून है
आरव:
इश्क़ धरम है
गूँज:
इश्क़ भर्म है
आरव:
इश्क़ रब है
Comments
Post a Comment
Thank You for Your Comment