Bhula Diya Hai by Amit Nainawat

Bhula Diya Hai by Amit Nainawat


Bhula Diya Hai by Amit Nainawat

 

नजरो से तुम बाते बताया ना करो,

इश्क हो किसी से तो छिपाया ना करो…

हम ऐसी अदाओ पे दिल हार बैठते है,

तुम चेहरे से जुल्फे हटाया ना करो…

 

आँसुओ को गिरने नही देते,

आँखो में ही दबा लेते है…

जो कोई पूछता है कोई खैरियत हमारी,

तो हम तेरी झुठी कसम खा लेते है…

 

गम नही इस बात का कि इश्क मे शिकस्त रहा हु मै…

मुझे तो गुरुर है इस बात पे,इक जमाने में तेरी मोहब्बत रहा हु मै…

 

जो बरसती थी तुझ पे हर पल, मेरे इश्क की अब वो बरसात नही रही….

हँस रही हो, सुनो तुम्हारी हँसी मे अब वो बात नही रही..

 

अब तेरी यादो से कोई नाता नही है,

अब रातो को तेरा कोई ख्वाव आता नही है…

याद नही है अब सितम जो तुने मुझ पे किया है,

अब सुन लो बाबु हमने तुम्हे भुला दिया है…

 

अब तेरा किसी ओर के साथ होना मुझे परेशान नही करता है….

किसी को गले लगाकर हँसना मुझे हैरान नही करता है…

बोहोत होंगे जो तेरे चेहरे को जानते होंगे,

ऐसा कोई ना होगा जो तेरे दिल क़ी पेहचान करता है…

तु जिस भी हाल में हो मुझे फर्क पडता नही है..

अब तेरा गुड मोर्निंग मैसेज ना आना मुझे अखरता नही है…

पेहले तुझे देखना हर दिन जरुरत बन गया था मेरी,

अब ऐसी जरुरते दिल करता नही है…

तेरा दिया दर्द बेचारे दिल ने हसते हुए लिया है

गला नीला तो नही पर जहर हमने भी पिया है…

सच में बोहोत मुश्किल था, पर सुन लो बाबु हमने तुम्हे भुला दिया है…

अब कोई गले ना लगाये तो भी चलता है,

इस अकेलेपन में भी एक अंजान सुकुन पलता है…

पेहले तेरी रोशनी से रोशन था मेरा जहाँ, अब यहाँ सिर्फ मेरा दिया जलता है…

तुझे मुबांरक हो बेबफाई तेरी पर मुझे तो मेरी मोहब्बत प्यारी है…

पेहले तु सिर्फ तु थी इन निगाहों में, अब इन निगाहो में दुनिया सारी है…

तु खुश रह अपनी दुनिया में और मै अपने जहान में खुश रहता हुँ…

और कुछ केहने को है नही आखिरी अल्फाज तुझसे कहता हुँ…

तेरी यादो संग जागी इन आँखो को हमने अब सुला दिया है…

हर पल ना रोये इसलिए इक पल में ही खुद को रुला दिया है…

तुझे गल्तफेहमी होग़ी कि मै तुझे भूल नही पाऊंगा,

पर अब सुन लो बाबु हमने तुम्हे भुला दिया है…

 



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