Usse Kehdo Apni Aukat Mein Rahe by Rahul Jain

Usse Kehdo Apni Aukat Mein Rahe by Rahul Jain


Usse Kehdo Apni Aukat Mein Rahe by Rahul Jain

 

खामोशी में भी मुझे तुम सुनाई देते हो,

आँखे बंद करता हु तुम दिखाई देते हो…

खैर तुम्हे कहाँ समझ आयेगा मतलब इसका,

तुम हर रोज नये आशिक के साथ दिखाई देते हो…

 

पलके अगर भीगी नही तो किसने कहा मै रोया नही…

अरे, इन रातो से पूछो कितनी रातो तक ढंग से सोया नही…

 

बोहोत वादे करते थे वो हमसे, उनसे केह दो अपनी बात पर रहे…

कितना सतायेगा इस दिल को, उनसे केह दो अपनी औकात मे रहे…

 

मुझे गमे हैरत सरिशतान है शायद,

इसलिए मेरी जिंदगी भी मुझसे परेशान है…

मौत के बाद भी तेरे करीब ही रहुंगा,

मुझे पता है तेरे घर के पीछे कब्रिस्तान है…

 

रेहम खा मुझ पे अब और ना बदनाम कर…

लोग सिर्फ कपडे उतारना जानते है मोहब्बत के नाम पर…

 

इस कदर तोडा भरोसा मेरा कि खुद पर भी यकीन नही होता हुजुर…

अरे, दुशमनो को छोडो मुझे मेरे दोस्तो पर यकीन नही होता हुजुर…

खबर मिली है तेरे बदन को रकीब ने छु लिया है,

ये यकीन करना चहता हु थोडी सी शराब पिला दो हुजुर…

जो खत उसने दिये थे कोई उनको जला दो हुजुर…

एक जिंदा लाश सा बैठा हुँ मै,मुझे जा कर दफना दो हुजुर…

अगर तकलीफ देती है बाते मेरी,मुझे मेहफिल से उठा दो हुजुर…

मेरे रकीब ने उसके बदन को छुआ बस इतना यकीन दिला दो हुजुर…

ये यकीन करना चहता हु थोडी सी शराब पिला दो हुजुर…

 

जो वादे अधुरे रेह गये उन्हे कौन निभाएगा…

तुम रुठ कर तो चले गये मुझे सुबह कौन उठायेगा….

हर शाम जाम उठाता हु,ये जाम कौन पिलायेगा…

अंधेरो से डरता हुँ, मुझे रोशनी कौन दिखायेगा….

जिंदगी मेरे साथ चल तु,तुझे वहा कोई नही सतायेगा…

जो पीछे मुडकर देखेगा पत्थर का हो जायेगा…

दिन भर इतना हँसकर दुनिया को क्या दिखायेगा…

एक ख्वाव है जो तुझे रात भर सतायेगा…

अब वफा का झूठा नाटक किसी के आगे मत करना,

वरना फिर एक शीशे का दिल पत्थर हो जायेगा…

वक्त मिले तो बता देना तुमसे मोहब्बत कौन निभायेगा…

पर जब ऐहसास होगा मेरी मोहब्बत का तो शरम से झुक जायेगा…

 

मोहब्बत से मोहब्बत करके देख लिया, चलो अब कुछ ओर किया जाये….

क्या कहा मेरी मौत पर खुशी होगी उसे चलो उसे खुश किया जाये…




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