Beet Jaati Hai Zindagi By RJ Vashishth

Beet Jaati Hai Zindagi By RJ Vashishth


Beet Jaati Hai Zindagi By RJ Vashishth

 

कुछ कहानियाँ कुछ पन्ने बाकि रह गए..

कुछ अनमोल घड़ियाँ और लम्हे बाकी रह गए..

थी आस कि उनके साथ जियेंगे इन सबको..

उनके आए के इंतज़ार में ज़िन्दगी के कुछ दसके बस यूँ ही बाकी रह गए..

कुछ कहानियाँ कुछ पन्ने बाकि रह गए..

कभी एक ही इंसान के साथ बीत है ज़िन्दगी..

कभी ना पुरे हुए ख्यालात के साथ काट जाती है ज़िन्दगी..

जो नहीं कटता, नहीं बीतता वो है इस बाँवरे मन का ख्वाहिश रखना..

कभी पूरी ना होगी ख्वाहिश ये जानते हुए भी ख्वाहिशें पूरी करने में ख़त्म हो जाती है ज़िन्दगी..

कभी एक ही इंसान के साथ बीत जाती है ज़िन्दगी...




Comments