Hamare Bich Koi Tisra Aaya Hi Kyu By Goonj Chand

Hamare Bich Koi Tisra Aaya Hi Kyu By Goonj Chand


Hamare Bich Koi Tisra Aaya Hi Kyu By Goonj Chand

 

मुझे खुद से दूर कर किसी और को दिल में बसाया ही क्यों?

और अब तू ही सोच की हमारे बीच कोई तीसरा आया ही क्यों?

 

वो तेरी पहले जैसी बाते, वो तेरी पहली सी शरारते,

वो तेरा पहला सा प्यार जो सिर्फ मेरे लिए हुआ करता था..

आज तूने उसे किसी गैर पे लुटाया ही क्यों?

और अब ये तू ही सोच की हमारे बीच कोई तीसरा आया ही क्यों?

 

वो जब मैं भीड़ में हूँ तो मेरे कंधे पे हाथ रख मुझे अपना बताना..

और गुस्से के बहाने अपनी सारी बाते मनवाना..

फिर आज किसी गैर को तूने अपना बताया ही क्यों?

और ये तू ही सोच की हमारे बीच कोई तीसरा आया ही क्यों?

 

वो राते जब घंटो फ़ोन पर बाते होती थी..

और हसीन तेरे साथ मेरी हर मुलाक़ाते होती थी..

आज मुझे सूला कर तूने किसी और को फ़ोन मिलाया ही क्यों?

और अब ये तू भी सोच की हमारे बीच कोई तीसरा आया ही क्यों?

 

ना तू ये सब करता, ना हम कहीं और दिल लगाते..

तुझसे शादी करते तो उम्र भर निभाते..

पर तूने मेरे बिना अपना घर बसाया ही क्यों?

और अब ये तू ही सोच की हमारे बीच कोई तीसरा आया ही क्यों?

 

अब हो गया है जब तू अकेला तो तुझे फिर से वापस आना है..

और अब मेरे साथ तुझे अपनी ज़िन्दगी का हर सपना सजाना है..

हमारी ज़िन्दगी में ये अजीब सा मोड़ आया ही क्यों?

और अब ये तू भी सोच की हमारे बीच कोई तीसरा आया ही क्यों?

मुझे खुद से दूर कर किसी और को दिल में बसाया ही क्यों?

और अब तू ही सोच की हमारे बीच कोई तीसरा आया ही क्यों?

 



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