Wo Ja Chuka Hai Par Uski Yaadein Zinda Hai by Goonj Chand
आज मैंने अपनी करीब 4 से 5 डारियो को खखोला..और ना जाने मैं उनमे क्या ढूँढने की कोशिश कर रही थी…
पर शायद कुछ ऐसा ढूँढना चाहती थी,
जो थोड़ी देर के लिए ही सही पर थोड़ा सुकून दे मुझे..
पर हमेशा की तरह यहां भी मेरा बैड लक निकला…
मुझे कुछ नहीं मिला सिवाय कुछ अधूरी लाइनों के…..
तो मुझे लगा कि अब इन अधूरी लाइनों को पूरा करने का वक्त आ गया है..
और मैंने कोशिश की एक अधूरी लाइनों को पूरा करने की…
जो शायद मैंने किसी दिन गुस्से में लिखी थी..
या फिर शायद उस दिन लिखी थी…
जिस दिन मेरा मूड बहुत ज्यादा खराब था..
कोशिश तो की पर उन्हें कर ना सकीं…
क्योंकि मुझे उस सुकून की तलाश थी..
और मेरे अंदर एक भूचाल सा आ रहा था..
कि इतने में अचानक मेरे अंदर से एक आवाज आई..
कोई तो था जो दो पल के लिए ही सही पर मेरे पास बैठा…
और उसने मुझसे कहा कि शांत हो जाओ..
और अपनी आंखें बंद करके उन पलों को याद करो..
जिसमें तुम बहुत खुश थी..
जिन पलों को खोना नहीं चाहती थी..
जिन पलों को तुम किसी ओर के साथ बांटना नहीं चाहती थी…
वो पल जो तुम्हारी जिंदगी के सबसे खूबसूरत पल थे…
और वो पल जिसमें तुम्हारे ही कानों में,
तुम्हारी ही हसी की आवाजें गूँज रहीं थीं…
वो पल जिसमें तुम बिना किसी फिक्र के खुशी से झूम रही थी…
वो पल जिसमें तुमने सिर्फ अपने बारे में सोचा,
वो पल जिसमें तुम्हारी आंखे खुशी के आंसुओ से नम थी…
और यह सब सुनकर मानो मेरे सामने पिक्चर सी चलने लगी…
और सारे पल 1 सेकंड के लिए मेरी आंखों के सामने आने लगे…
और फिर क्या था मेरे होठों पर बेवजह मुस्कान आने लगी…
और मेरे दिल को सुकून मिलने लगा..
कुछ पल के लिए ही सही यह सुकून मुझे राहत दे रहा था..
तो क्या हुआ जो आज कुछ परेशानियां है..
क्या हुआ जो आज मैं खुश नहीं..
पर मेरे अंदर खुश रहने की वजह तो है…
तो क्या हुआ जो सफर में बोहोत लोग अकेला छोड़ गए…
पर उन यादों को मुझसे कोई छीन नहीं सकता..
जिन पर सिर्फ मेरा हक है…
वह अच्छी यादें हमेशा मेरा हौसला बढ़ाएंगे…
अब मुझे ओर किसी सहारे की जरूरत नहीं.…
और वैसे भी किसी के चले जाने से यह जिंदगी नहीं रुकती मेरे दोस्त..
तो हमें भी नहीं रुकना चाहिए…
जो आपका होगा वह आपको छोड़कर कहीं नहीं जाएगा…
और आपको जीने के लिए बहुत सी अच्छी यादें दे जाएगा….
जो जिंदगी में आपको हर कदम पर सुकून देंगी…
मुझे तो मेरा सुकून मेरे अंदर ही मिल गया…
अब मुझे पता है कि आपका सुकून भी आपके अंदर ही है…
जिस सुकून को आप बाहर ढूंढ रहे हैं ..
वो आपके ही अंदर है जिसे आप से कोई दूर नहीं कर सकता…
कुछ पल ही सही शांति से बैठ कर अपनी आंखें बंद कर,
उन पलों को याद करें जिसमें आप सबसे ज्यादा खुश थे…
वो पल जिसमें सिर्फ आपको आपकी ही हंसी सुनाई दे…
वो पल जिसमें सिर्फ आपने अपने बारे में सोचा हो…
और फिर देखना आपको कितना सुकून मिलता है…
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