Kehna To Bahut Kuch Hai Tujhse By RJ Vashishth
कहना तो बहुत
कुछ चाहता
हूँ तुझसे..
मगर कह कहा
पाता हूँ..
सच तो है की जीना
है तेरे
बगैर..
पर एक पल भी कहा
रह पाता
हूँ..
कोशिश हर बार
होती है तुझे भुलाने
की..
पर एक पल भी कहा
भुला पाता
हूँ..
देखना चाहता हूँ
हर रात
सपने..
पर मैं खुद
को सुला
नहीं पाता
हूँ..
तू अगर देख
पाती तो समझ जाती..
की इस बेबसी
को कहा
छुपा पाता
हूँ..
झलक जाता है दर्द आँखों
से कभी..
पर मैं खामोश
भी कहा
रह पाता
हूँ..
लिए फिरता हूँ
एक समंदर
इन आँखों
में..
मगर रो लू जी भर के ऐसा
भी कहा
कर पाता
हूँ..
मुमकिन नहीं था जीना तेरे
बगैर..
मगर मजबूर हूँ,
मैं मर भी नहीं
पाता हूँ..
कितना कुछ कहना
है तुझसे..
मगर कह कहा
पाता हूँ..
जीना है तेरे
बगैर ये सच है..
पर एक पल भी कहा
रह पाता
हूँ..
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