A Letter to My Younger Self by Shweta Tripathi ft. Biswa

A Letter to My Younger Self by Shweta Tripathi ft. Biswa


Shreya Tumse Kabhi Mil to Naa Sakungi Main,

Par Ye Zariya Mila hai Tumse Baat Karne Ka…


ये एक चिट्ठी है जो कि मैंने १३ साल की श्रेया को लिखी है। वो १३ साल की श्रेया जिसको लगता है कि बारहवीं में बायो में अच्छे मार्क्स आने से वो एक डॉक्टर बन सकती हैं और ये कविता मैंने एक ऐसी जगह से लिखी है जहां मैं hope करती हूँ कि आप में से कोई कभी ना जाए


श्रेया.... तुमसे कभी मिल तो ना सकूंगी मैं,
पर ये जरिया मिला है तुमसे बात करने का…
कि तुमसे कह सकूं वो सारे नुकीले सच,
मिलेगा वक़्त बहुत घावों को भरने का…
पर ये जरिया मिला है तुमसे बात करने का…

तुम
अभी तो हो एक सरफिरी teenager तितली,
तुम्हें तो पत्तियाँ भी फुल नजर आती है…
तुम्हारी हर मांग बिना माँगे होती है पूरी,
तू एक महीनें तक बर्थडे मनाती है…
वो चमकते बक्सों में पड़े बंद तौहफे,
तुम्हें दुआओं से महंगे नजर आएँगे…
ना कदर होगी उन सीधी साधी सब्जियों की,
जिन्हें सब जोरजबरदस्ती से खिलाएंगे…
रहेंगी ना कोई कसर तुम्हारी परवरिश में,
ना कोई सोच में आकर ज़हर मिलाएगा…
गिलास में है आज दूध कल शराब होंगी,
पर कोई सच का कड़वा घूंट ना पीलाएगां…
अरे अनजान हो तुम अपनी खुशनसीबी से,.
जो तुम्हें एग्जाम्स के बुरे सपने आते हैं…
उड़ेगी नींद जब मायूस आँखों से तुम्हारी,
लगेगा अनगिनत चीखों से भरी रातें है…
आने वाले दिनों में पहला प्यार होगा,
तुम्हे लगेगा ये दिल उसी की अमानत है…
ये हनीमून सा वहम जब मिटेगा एक दिन,
तो तुम समझोगी तुमको बस उसकी आदत है…
और जिस दिन तुम्हें प्यार की जरूरत होगी,
भीड़ में भी अकेला पाओगी खुद को…
इन्हीं वसूलो पे जमकर थूकेगी दुनिया,
तुम अपनी आँखों से ही गिराओगी खुद को…
खाई थी कसम मैने शख्त इरादो की,
कि इसी सिस्टम में ही कुछ तो कर गुजरना है…
पर इसकी दलदलों में रीढ़ सबकी गल गई है,
कुछ जीयेंगे बस, बाकी सबको सड़ना हैं…

श्रेया
.... तुमसे कभी मिल तो ना सकूंगी मैं,
पर ये जरिया मिला है तुमसे बात करने का…

 


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