Har Ladka Bewafa Nahi Hota By Neha Rai
तुम्हारी आँखों
के
नशे
का
शिकार
हो
चूका
हूँ..
मुजरिम-ऐ-इश्क़
का
गुनहगार
हो
चूका
हूँ..
ना दे
हमें
ज़मानत
ऐ
मेरे
हमसफ़र..
मैं तुम्हारी
मोहब्बत
में
उम्र
भर
के
लिए
अब
गिरफ्तार
हो
चूका
हूँ..
तुम्हारी सूरत
से
ज़्यादा
तुम्हारी
सीरत
पे
मरते
है..
तुम सोच
भी
नहीं
सकते
वो
तुमसे
इतनी
मोहब्बत
करते
है..
किसी दूसरी
लड़की
से
हसकर
बात
कर
लेना
कोई
गुनाह
नहीं
होता..
और मोहतरमा हर लड़का बेवफा नहीं होता..
अपने आप
से
ज़्यादा
वो
तुम्हारा
ख्याल
करता
है..
तुम्हे तकलीफ
ना
हो
वो
इस
बात
से
भी
डरता
है..
यूँही वो
तुमसे
कभी
किसी
बात
पर
खफा
नहीं
होता..
और मोहतरमा हर लड़का बेवफा नहीं होता..
तुम्हारे रूठ
जाने
पे
वो
तुम्हे
सौ
बार
मनाता
है..
तुम्हारे Best Friend के
दखल
देने
पर
भी
वो
तुमसे
कुछ
नहीं
कह
पाते
है..
ऐसी छोटी-छोटी
बातो
पर
कोई
अपनी
मोहब्बत
से
खफा
नहीं
होता..
और मोहतरमा हर लड़का बेवफा नहीं होता..
ज़ुल्फ़े
खुली
थी
उनकी,
आँखों
में
सुरमा
काला
था..
कुछ इस
तरह
से
अपनी
सादगी
से
उन्होंने
खुद
को
सवांरा
था..
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